आयुष विभाग में पहली बार जारी हुई नर्सेज सेवा नियमावली, जाने क्या है नियम

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आयुष विभाग में पहली बार नर्सेज सेवा नियमावली बनायी जा रही है। कार्मिक विभाग से इस प्रस्ताव के जल्द पास होने के बाद मान्यता प्राप्त निजी संस्थानों से डिप्लोमा लेने वाली नर्सों की भी आयुर्वेदिक व यूनानी कॉलेज में नियुक्ति हो सकेगी।

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सचिव आयुष मुकेश मेश्राम ने बताया कि यूनानी व आयुर्वेदिक स्टाफ नर्सों की नियुक्ति के लिए कोई नियमावली नहीं थी। राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय में एकमात्र नर्सिंग ट्रेनिंग सेंटर है। अभी तक  महाविद्यालय से शिक्षा प्राप्त नर्सों को ही सेवा में आने का मौका मिल रहा था।

अब इस नियमावली से निजी संस्थानों से डिप्लोमा प्राप्त नर्सों को भी मौका मिल सकेगा। उन्होंने बताया कि आयुर्वेदिक कॉलेज में 479 नर्स और 94 सिस्टर के पद हैं। वही, यूनानी कॉलेज में 37 स्टाफ नर्स, तीन सिस्टर, एक सहायक मेट्रन हैं। इनमें से कई सिस्टर सालाना रिटायर हो जाती हैं।

इन पदों को भरने के लिए उप्र लोक सेवा आयोग चयन करेगा। इसके अलावा उप्र आयुर्वेदिक एवं यूनानी अध्यापक सेवा नियमावली 1990 यथा संशोधित 2008 में  संशोधन किया जा रहा है। इसमें शिक्षकों को वैयक्तिक प्रोन्नति का प्रावधान किया जा रहा है।

इससे आने वाले समय में आयुर्वेदिक एवं यूनानी कॉलेजों में रीडर व प्रोफेसर (हायर फैकल्टी) की कमी दूर होगी। वहीं, आयुष मंत्रालय भारत सरकार के निर्धारित मानकों की पूर्ति हो सकेगी। आयुष कॉलेजों की शैक्षणिक सत्र की मान्यता भी प्रभावित नहीं होगी।

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