कहते हैं कि एक महिला तभी पूर्ण होती है, जब वह मां बनती है. गर्भावस्था के नौ महीने किसी भी महिला के ज़िंदगी के सबसे खूबसूरत पल होते हैं, लेकिन कुछ महिलाएं यह अनुभव नहीं पा सकती हैं.ऐसी स्त्रियों में फीमेल इंफर्टिलिटी होती है. हालांकि यह कोई रोग नहीं है, बल्कि ऐसी कई वजहें हैं, जिसके कारण स्त्रियों का मां बनना संभव नहीं हो पाता है. ऐसे में अगर इन लक्षणों को समय रहते पहचान लिया जाए व इसका उपचार कराया जाए, तो इस समस्या से निजात भी पाई जा सकती है.
अनियमित पीरियड्स— अगर किसी महिला के पीरियड्स नियमित तौर पर नहीं आ रहे हैं या इस दौरान उन्हें बहुत दर्द होता है, तो इससे बांझपन का खतरा बढ़ जाता है. अगर ऐसा है, तो तुरंत चिकित्सक को दिखाएं.
गर्भाशय से खून निकलना— पीरियड्स के अतिरिक्त कभी-कभी गर्भाशय में हल्का-हल्का खून निकलना भी बांझपन का कारण हो सकता है. इस तरह की ब्लीडिंग को फाइब्रॉएड्स कहते हैं. इस कठिनाई से पीड़ित महिलाएं गर्भ धारण कर भी लें लेकिन इस ट्यूमर की वजह से मिसकैरेज का खतरा रहता है.
सेक्स के दौरान दर्द होना— अगर किसी महिला को सेक्स के दौरान तेज दर्द होता है, तो इसे नकारें न बल्कि तुरंत चिकित्सक के पास जाएं. इससे बांझपन हो सकता है.
डिप्रेशन— अगर आप डिप्रेशन की शिकार हैं, तो भी आपको बांझपन का खतरा हो सकता है. इसके अतिरिक्त अगर नींद नहीं आ रही है, तो भी फीमेल इंफर्टिलिटी का खतरा हो सकता है.