इन 3 राज्यों में दोबारा चुने गए 154 विधायकों में से सिर्फ 5 की संपत्ति हुई कम

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राजस्थान ।। नवंबर-दिसंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए नेताओं द्वारा टिकट पाने की जोड़-तोड़ शुरू हो चुकी है। तीन प्रमुख राज्यों मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में सत्ता में काबिज भाजपा अपने कई वर्तमान विधायकों का टिकट काट सकती है। इन तीनों राज्यों में 2013 में 154 नेता लगातार दूसरी बार विधायक बने थे। इनमें से सिर्फ पांच विधायक ऐसे थे जिनकी संपत्तियों में पांच साल में कमी आई। मध्य प्रदेश में ऐसे तीन नेता थे। तीनों ही भाजपा विधायक हैं। वहीं, राजस्थान में ऐसे विधायकों की संख्या दो थी।

2013 में 67 विधायक दूसरी बार चुने गए। इनकी औसत संपत्ति 130% बढ़कर 3.89 करोड़ रुपए हो गई। 2008 में ये आंकड़ा 1.69 करोड़ रुपए था। पार्टी के लिहाज से देखें तो भाजपा के 58 विधायक दोबारा चुने गए। उनकी संपत्ति में औसत 130% का इजाफा हुआ। वहीं, कांग्रेस से दोबारा चुने गए 6 विधायकों की संपत्ति में 144% का इजाफा हुआ।

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सबसे ज्यादा भाजपा के अशोक परनामी का संपत्ति बढ़ी। 2008 में उन्होंने 3.66 करोड़ रुपए की संपत्ति घोषित की थी। जो 2013 में 627% बढ़कर 22.95 करोड़ रुपए हो गई। दोबारा चुने गए विधायकों में सिर्फ दो विधायकों की संपत्ति कम हुई। इनमें भरतपुर से भाजपा विधायक विजय कुमार और बस्सी से निर्दलीय विधायक अंजू देवी धनका शामिल थीं।

2008 में विजय कुमार की संपत्ति 3.88 करोड़ घोषित की थी। जो 2013 में 46% घटकर 2.09 रह गई। वहीं, अंजू देवी संपत्ति में 19% की कमी हुई। 2008 में उन्होंने 31.66 लाख रुपए की संपत्ति घोषित की। जो 2013 में घटकर 25.50 लाख रुपए रह गई। छत्तसीगढ़ में 2013 में 22 विधायक दूसरी बार चुने गए। इनकी औसत संपत्ति 147% बढ़कर 3.16 करोड़ रुपए हो गई। 2008 में ये आंकड़ा 1.27 करोड़ रुपए था।

पार्टी के लिहाज से देखें तो भाजपा के 15 विधायक दोबारा चुने गए। उनकी संपत्ति में औसत 216% का इजाफा हुआ। वहीं, कांग्रेस से चुने गए 7 विधायकों की संपत्ति में 96% का इजाफा हुआ। सबसे ज्यादा कांग्रेस के गुरुमुख सिंह होरा का संपत्ति बढ़ी। 2008 में उन्होंने 6.02 करोड़ रुपए की संपत्ति घोषित की थी। जो 2013 में 94% बढ़कर 11.68 करोड़ रुपए हो गई।

प्रतिशत के लिहाज से संपत्ति में सबसे ज्यादा 709% इजाफा भाजपा विधायक देवीजी भाई पटेल की संपत्ति में हुआ। इस लिहाज से मुख्यमंत्री रमन सिंह की संपत्ति 436% बढ़ी। 2008 में उन्होंने 1.04 करोड़ रुपए की संपत्ति घोषित की थी। जो 2013 में बढ़कर 5.61 करोड़ रुपए हो गई।

मध्यप्रदेश में 2013 में 65 विधायक दूसरी बार चुने गए। 2013 में इनकी औसत संपत्ति 290% बढ़कर 7.51 करोड़ रुपए हो गई। 2008 में ये आंकड़ा 1.92 करोड़ रुपए था। पार्टी के लिहाज से देखें तो भाजपा के 55 विधायक दोबारा चुने गए। उनकी संपत्ति में औसत 279% का इजाफा हुआ। वहीं, कांग्रेस से दोबारा चुने गए 10 विधायकों की संपत्ति में 302% का इजाफा हुआ।

सबसे ज्यादा कांग्रेस से भाजपा आए संजय पाठक का संपत्ति बढ़ी। 2008 में उन्होंने 34.17 करोड़ रुपए की संपत्ति घोषित की थी। जो 2013 में 255% बढ़कर 121.32 करोड़ रुपए हो गई। प्रतिशत के लिहाज से संपत्ति में सबसे ज्यादा 468% इजाफा भाजपा विधायक सुरेंद्र पटवा की संपत्ति में हुआ। 2008 में उन्होंने 6.69 करोड़ रुपए की संपत्ति घोषित की थी। जो 2013 में बढ़कर 38.02 करोड़ रुपए हो गई।

दोबारा चुने गए 65 विधायकों में सिर्फ 3 विधायक ऐसे थे जिनकी संपत्ति 2008 के मुकाबले घटी। भाजपा के कैलश विजयवर्गीय की संपत्ति में सबसे ज्यादा 28% की कमी आई थी। 2008 में उन्होंने 2.55 करोड़ की संपत्ति घोषित की थी। जो 2013 में घटकर 1.83 करोड़ रुपए रह गई। विजयवर्गीय के अलावा भाजपा के ही दीपक जोशी और बालकृष्ण पाटीदार की संपत्ति में क्रमश: 9% और 8% की कमी आई।

फोटो- प्रतीकात्मक

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