सरेशवाला ने ट्वीट के माध्यम से कहा कि नतीजे का संदेश साफ है। विभाजनकारी राजनीति काम नहीं करेगी। कैराना जैसे सांप्रदायिक तनाव वाले क्षेत्र से तबस्सुम हसन का बड़े अंतर से जीतना सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के सिद्धांत को नकारता है। हमें यह मान लेना चाहिए कि भविष्य में विभाजनकारी राजनीति काम नहीं आने वाली।
दूसरी ओर नतीजे आने के बाद पार्टी के विधायकों श्यामप्रकाश और सुरेंद्र सिंह ने अपनी ही पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।
गोपामऊ के विधायक श्यामप्रकाश ने कविता के माध्यम से राज्य अध्यक्ष को भी भ्रष्ट बता डाला। बलिया के विधायक श्याम प्रकाश ने इस हार के पीछे शुद्ध रूप से कर्मचारियों और अधिकारियों में फैले भ्रष्टाचार और समाज को परेशान करने की नीयत है। गौरतलब है कि बृहस्पतिवार को नतीजे आने के बाद राजग के दो सहयोगी दलों शिवसेना और जदयू ने भाजपा और मोदी सरकार पर हमला बोला था।