कई सदी पहले भारत से पुर्तगाल जा रहे डूबे हुए जहाज का मलबा मिला

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लिस्बन के पास गहरे समुद्र में पुरातत्वविदों ने करीब 400 साल पुराने पुर्तगाल तट पर डूबे जहाज का मलबा ढूंढ निकाला है। पुरातत्वविदों का दावा है कि यह जहाज मसालों और अन्य सामग्री के साथ भारत से पुर्तगाल की तरफ जा रहा था, तभी रास्ते में कहीं डूब गया। 

पुर्तगाल की राजधानी लिस्बन से 15 मील की दूरी पर काशकाइश के मछली पकड़ने वाले बंदरगाह के नजदीक समद्री क्षेत्र के सर्वेक्षण के दौरान यह मलबा मिला है। पुरातत्वविद इसे पिछले दो दशक की समुद्री खोजों में बेहद अहम मान रहे हैं। यह मलबा समुद्र की सतह से महज 40 फीट नीचे पड़ा मिला। अनुमान लगाया गया जा रहा है कि यह जहाज साल 1575 से 1625 के दौरान भारत से लिस्बन आते समय डूब गया होगा। समुद्री तल में यह मलबा करीब 100 मीटर लंबे और 50 मीटर चौड़े क्षेत्र में फैला पाया गया है। 

अंडरवाटर पुरातात्विक सर्वेक्षण में शामिल एक समुद्री वैज्ञानिक जॉर्ज फ्रियर ने बताया कि हमने जहाज का भौगोलिक सर्वेक्षण और गोताखोरों का इस्तेमाल करने पर पाया कि यह खोज पुर्तगाल के व्यापारिक अतीत और काशकाइश शहर के विकास पर भी प्रकाश डालेगी। चार सितंबर को खोजी गई इस साइट पर वैज्ञानिकों ने काम करने में चार दिन बिताए। फ्रियर ने कहा कि हम जहाज का नाम नहीं जानते लेकिन 16वीं सदी के उत्तरार्ध से याय 17वीं सदी की शुरूआत में यह पुर्तगाली जहाज रहा होगा। इससे भारत, यूरोप और पुर्तगाल के बीच कला, हथियार और सांस्कृतिक परिदृश्य के बारे में जानकारी मिल सकती है। 

मलबे में काली मिर्च, कांसे की तोपें और कीमती कौड़ियां भी मिलीं

गोताखोरों को जहाज के मलबे में काली मिर्च, कांसे के बनी तोपें और बेशकीमती कौड़ियां भी मिली हैं। इन कौड़ियों का प्रयोग उस समय अफ्रीका के कुछ हिस्सों में गुलामों (दास) की खरीद-फरोख्त के लिए मुद्रा के रूप में किया जाता था। पुर्तगाल प्रशासन ने बताया कि यह मलबा पिछले महीने देश के अटलांटिक तट पर मिला था। शुरुआती खुदाई में चीनी मिट्टी और सेरेमिक के बर्तन भी मिले हैं जिन्हें 16वीं और 17वी सदी में चीन के वानली साम्राज्य से जुड़ा माना जा रहा है। इससे पता चलता है कि उस वक्त चीन, भारत और पुर्तगाल के बीच व्यापार चला करता था।
भारत-पुर्तगाल के बीच सांस्कृतिक रिश्तों की होगी पहचान
र्तगाल की सरकार इस खोज को काफी गंभीरता के साथ ले रही है। जहाज के मलबे में मिले अवशेषों की जांच अब पुर्तगाल सरकार के निदेशालय-जनरल द्वारा की जाएगी। यह जांच भारत-पुर्तगाल के बीच सांस्कृतिक विरासत को खोजेगी। काशकाइश शहर के मेयर ने कहा कि यह एक असाधारण खोज है जो बताती है कि भारत के साथ हमारे शहर के कितने मजबूत रिश्ते रह चुके हैं।
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