यूपी किरण ब्यूरो
लखनऊ।। ‘लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती’ अपने ये कहावत तो सुनी ही होगी। कहते है कि अगर इंसान परिश्रम करें तो वो कुछ भी हासिल कर सकता है। क्या आपको पता है कुछ इसी तरह की मिसाल पेश की है एक किन्नर ने। जी हां सही सुना एक किन्नर ने। जिसका नाम है जोइता मंडल।
कभी गुजर-बसर के लिए भीख मांगने के लिए मजबूर किन्नर जोइता मंडल अब पश्चिम बंगाल के इस्लामपुर की लोक अदालत में जज बन गई हैं। जोइता के लिए यह मुकाम इसलिए भी खास है क्योंकि वह ट्रांसजेंडर हैं। लेकिन उनके लिए यह सफर इतना आसान नहीं था। इसके लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की है।
बीते शनिवार को सफेद कार पर बैठ कर जिसमें नेम प्लेट पर ”ड्यूटी पर न्यायाधीश” लिखा था, इस्लामपुर कोर्ट परिसर में जोइता मंडल पहुंचीं, तो ये समाज के लिए न सिर्फ एक संदेश था, बल्कि पूरी ट्रांसजेंडर्स समुदाय के लिए सेलिब्रेशन के साथ-साथ गर्व करने का मौका था। सच कहूं, तो ये हमारे देश के लिए भी गर्व की बात है।
आज से लगभग सात साल पहले 2010 में एक बस स्टैंड पर सिर्फ उसे इसलिये थप्पड़ मारा था और होटल में प्रवेश करने रोक दिया था क्यों कि वो एक किन्नर थी।
जोइता मानती है कि नेशनल लोक अदालत में एडिशनल जज का पद उनके और किन्नर समाज के लिये मील पत्थर साबित होगा। इस पद के जरिये वो मजलूम और किन्नर समाज को न्याय दिलाने में प्रयास करेंगी। जहां ट्रांसजेंडर्स को गलत नजर से देखा जाता है। उनका चयन समाज में एक सख्त संदेश प्रसारित करेगा।
फोटोः फाइल
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