प्रधानमंत्री ने कहा कि एकसाथ चुनाव कराने के विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए पूरे देश में चर्चा होनी चाहिए। इससे वित्तीय बचत के साथ ही संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल भी हो सकेगा। गौरतलब है कि केंद्र सरकार काफी समय से इस मुद्दे पर विचार कर रही है। नीति आयोग ने पिछले साल सुझाव दिया था कि 2024 से दो चरण में लोकसभा और विधानसभा चुनाव कराए जाएं। ऐसा होने पर राजनीतिक दलों के प्रचार में जुटे रहने के कारण शासकीय कार्यों में आने वाली रुकावट थम जाएगी।
क्षमता और संसाधनों की कमी नहीं
पीएम ने कहा कि वित्त वर्ष 2017-18 की चौथी तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था ने 7.7 फीसदी की वृद्धि दर्ज की है। अब इस वृद्धि दर को दहाई अंक में ले जाने की चुनौती है। उन्होंने कहा कि देश में क्षमता और संसाधनों की कमी नहीं है। संप्रग-2 ने अपने शासनकाल के आखिरी साल में राज्यों को 5 लाख करोड़ रुपये दिए थे। राजग सरकार चालू वित्त वर्ष के दौरान राज्यों को 11 लाख करोड़ रुपये देगी। मोदी ने बाढ़ प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को हालात से निपटने के लिए केंद्र की ओर से हर संभव मदद का आश्वासन भी दिया।
पीएम ने मुख्यमंत्रियों के काम की तारीफ की
प्रधानमंत्री ने कहा कि संचालन परिषद ने देश के विकास के लिए ऐतिहासिक बदलाव करने में प्लेटफार्म का काम किया है। परिषद ने सहयोगी और प्रतिस्पर्धी भावना के साथ शासन के जटिल मुद्दों पर टीम इंडिया की तरह काम किया। मुख्यमंत्रियों ने उपसमूहों और समितियों में अपने काम के जरिये स्वच्छ भारत मिशन, डिजिटल लेनदेन और कौशल विकास पर नीतियां बनाने में अहम भूमिका निभाई। पीएम ने सहकारी और प्रतिस्पर्धात्मक संघवाद को देश के विकास की कुंजी बताया।
नायडू-नीतीश ने मांगा विशेष राज्य का दर्जा
बैठक में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने अपने सूबे को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की। बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने तत्काल नायडू का समर्थन करते हुए अपने सूबे के भी लिए भी विशेष दर्जे की मांग रख दी। इसी मुद्दे पर नायडू के नेतृत्व में तेदेपा ने राजग का साथ छोड़ दिया था। इस समय नायडू गैर-भाजपा मोर्चा बनाने की कोशिशों में पूरी सक्रियता के साथ जुटे हैं।
नीतीश के आने से महागठबंधन को मिलेगी नई जान : कांग्रेस
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के राजग से अलग होने पर महागठबंधन में नई जान आ सकती है। कांग्रेस प्रवक्ता शक्तिसिंह गोहिल ने कहा कि अगर ऐसा हुआ तो पार्टी सभी सहयोगी दलों से चर्चा करेगी। 2015 में बिहार चुनाव से पहले भाजपा को राज्य की सत्ता से बाहर रखने के लिए राजद, जदयू और कांग्रेस ने महागठबंधन बनाया था। गोहिल के मुताबिक, कांग्रेस को नहीं पता कि नीतीश फासीवादी भाजपा के साथ क्यों हैं? हालांकि, राजद नेता तेजस्वी यादव कह चुके हैं कि महागठबंधन के दरवाजे नीतीश के लिए बंद हो चुके हैं।