नोटबंदी के 2 साल बाद हुआ बड़ा खुलासा, जानकर अाप भी पीएम मोदी से हो जाएंगे निराश!

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नई दिल्ली ।। पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा 8 नवंबर 2018 को रात 8 बजे किया गया एक एेलान आज भी करोड़ों भारतीयों के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं है। आज से ठीक दो साल पहले पीएम मोदी ने 500 आैर 1000 की मदों के नोटों को लेकर एक जबरदस्त फैसला देश को सुनाया था।

ठीक दो साल पहले देश में नोटबंदी के बाद करोड़ों लोगों की जेब में रखे 500 आैर 1000 रुपए का नोट कागज का महज एक टुकड़ा बनकर रह गया था। पीएम के इस फैसले के एेलान के भारत में कुल चलन में इस्तेमाल होने वाले 86 फीसदी नोटों बैन कर दिए गए थे। सरकार ने इसके लिए जो सबसे बड़ी वजह बतार्इ थी वो ये कि नाेटबंदी से देश में मौजूद कालेधन को खत्म करने में मदद मिलेगी। अपने एक घंटे के भाषण में पीएम मोदी ने करीब 18 कालेधन शब्द का इस्तेमाल किया था।

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मोदी ने कहा था, “देश में बढ़ते कालेधन को खत्म करने के लिए सरकार ने फैसला लिया है कि अभी से ही 500 अौर 1000 रुपए के नोट लीगल टेंडर नहीं रहेंगे।” उन्होंने आगे कहा, “कालेधन रखने वाले लाेगों के पास मौजूदा समय में रखे हुए 500 आैर 1000 रुपए के नोट अब एक कागज के टुकड़ा भर है।”

लेकिन जिस कालेधन के लिए सरकार ने इतना बड़ा फैसला लिया था, उसी कालेधन ने आज सरकार के लिए एक बार फिर से मुश्किलें खड़ी कर दी है। उसी कालेधन ने एक बार फिर मोदी सरकार से सवाल पूछना शुरू कर दिया है। नोटबंदी के करीब दो साल बाद 60 फीसदी से भी अधिक नोट एक बार फिर चलन में वापस आ चुके हैं। इस बात का खुलासा लोकलसर्कल्स के एक सर्वे से पता चला है। इतना ही नहीं, इस सर्वे में यह भी कहा गया है कि 2019 लोकसभ चुनाव से पहले देश में कालेधन के स्तर में अभी आैर बढ़ोतरी होगी।

हालांकि इस सर्वे में 40 फीसदी लोगों का मानना है कि नाेटबंदी के बाद टैक्स चोरी करने वाले लोगों पर नकेल कसने में कामयाबी मिली है। 25 फीसदी लोगों का मानना है कि नोटबंदी से कोर्इ फायदा नहीं मिला है जबकि 13 फीसदी लोगों ने कहा कि नोटबंदी से कालेधन पर रोक लगाने में मदद मिली है। 23 फीसदी लोगों ने कहा कि नोटबंदी के बाद देश में टैक्स कलेक्शन में इजाफा हुआ है।

फोटो- फाइल

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