प्रधानमंत्री के जॉब में छुट्टियों के लिए नहीं है कोई जगह, फिर कैसे करते हैं चुनावी रैलियां!

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प्रधानमंत्री मोदी ने कई बार कहा है कि उन्होंने एक भी छुट्टी नहीं ली। वो हर रोज 18 घंटे काम में जुटे रहते हैं। प्रधानमंत्री के प्रशंसक इस बात को बार-बार दोहराते हैं और मोदी की इस कर्मठता का बखान करते हैं। इसके प्रतिरोध में पीएम के आलोचकों ने तमाम सवाल उठाने शुरू कर दिए है। मोदी ने छुट्टी नहीं ली तो मनमोहन सिंह ने 10 साल के PM कार्यकाल में कितनी छुट्टियां लीं?

अपनी पार्टी के चुनाव प्रचार के लिए हजारों जनसभायें करने वाले प्रधानमंत्री क्या सरकारी ड्यूटी निभा रहे होते हैं? ऐसे तमाम सवाल उठने लगे हैं। जयपुर निवासी मनोज कुमार यादव ने सूचना के अधिकार के तहत सवाल किया कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने पूरे कार्यकाल में कितनी छुट्टियां लीं? जवाब मिला कि एक भी छुट्टी नहीं ली। जब ये सवाल किया गया कि मनमोहन सिंह ने बतौर प्रधानमंत्री अपने 10 साल के कार्यकाल में और पिछले अन्य प्रधानमंत्रियों ने कितनी छुट्टियां ली थीं?

PMO का जवाब था कि पूर्व प्रधानमंत्रियों की छुट्टियों का उसके पास कोई रिकार्ड नहीं हैं। यहां तक कि पिछले PM मनमोहन सिंह ने छुट्टियां लीं या नहीं इसका भी कोई रिकार्ड ही नहीं है। गौरतलब है कि मौजूदा PM मोदी ने तमाम बार कहा कि मैंने एक भी छुट्टी नहीं ली। मैं बिना छुट्टी लिये रोज 18 घंटे काम करता हूं।

ज्ञातव्य हो कि अपने साढ़े चार साल के कार्यकाल में PM ने लगभग एक दर्जन प्रदेशों के विधानसभा चुनावों में भाजपा के प्रचार के लिए हजारों जनसभायें कीं। ये अपने आप में एक रिकॉर्ड है। भाजपा खुद ये बात मानती है कि हर चुनाव की सफलता का श्रेय PM को जाता है। जिन्होंने जितना चुनावी प्रचार किया है शायद ही किसी PM ने अपनी पार्टी के लिए इतना पसीना बहाया हो।

उनके चुनावी भाषण जनता को बहुत प्रभावित करते हैं और भाजपा मोदी की धुआंधार जनसभाओं से हारी बाजी भी जीत लेती है। अब सवाल ये उठ रहे हैं कि PM क्या अट्ठारह घंटे सरकारी काम करने का जो दावा करते हैं उनमें भाजपा के लिए चुनाव प्रचार भी शामिल है।

निष्‍कर्ष : PM मोदी के बारे में कहा जाता है कि वे कभी छुट्टी नहीं लेते तो इसका अर्थ यह है कि PM के जॉब में छुट्टी का कोई प्रावधान है ही नहीं। यानी ‘भारत का PM अपने कार्यकाल में हमेशा सेवारत रहता है।’

साभार: नावेद शिकोह

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