बड़ी तेजी से पांव पसार रही इस बीमारी से अबतक 43 बच्चों की मौत, सैकड़ों हॉस्पिटल में

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पटना/ मुज़फ्फ़रपुर।। मुज़फ्फ़रपुर से शुरू हुई इंसेफेलाइटिस या चमकी बुखार ने बिहार के अन्य जिलों में पांव पसारना शुरू कर दिया है। इससे मुज़फ्फ़रपुर में अब तक कुल 43 बच्चों की मौत हो गयी है जबकि समस्तीपुर में 03 और वैशाली में 02 बच्चे मरे हैं । यह संख्या बढ़ भी सकती है। SKMCH में 06 और KDKM हॉस्पीटल में 04 बच्चों की स्थिति गंभीर है। SKMCH के 01 बच्चे को पटना रेफर किया गया है। मुज़फ्फ़रपुर के DM आलोक रंजन घोष के अनुसार SKMCH में और 02 बच्चों की मौत बुधवार की दोपहर तक हुई है। अब तक SKMCH में चमकी बुखार से पीड़ित 117 बच्चों को भर्ती किया गया है। इसमें 24 बच्चों को डिस्जार्च कर दिया गया, जबकि 53 बच्चों का अभी भी इलाज चल रहा है। इसमें 6 बच्चों की हालत गंभीर है। एक बच्चे को पटना रेफर किया गया है। मुज़फ्फ़रपुर के KDKM हॉस्पीटल में 55 बच्चों को भर्ती किया गया था। इसमें 17 बच्चे ठीक होकर घर चले गये। यहां 10 बच्चों का अब भी इलाज हो रहा है, इसमें से 04 बच्चों की स्थिति गंभीर है।

SKMCH में अपने बच्चे का इलाज कराने आये मुज़फ्फ़रपुर के मीनापुर प्रखंड के रहमान ने बुधवार को यहां बताया कि उनका बच्चा पहले बहुत रोने लगा और उसे बुखार आ गया। घर में ही पहले मैंने इसे बुखार की दवा दी। दवा से थोड़ा ठीक हो गया लेकिन बुखार फिर से आ गया। पहले मैं बच्चे को निजी हॉस्पिटल ले गया। इसे अब SKMCH में लाया है। डॉक्टरों का क्या कहना है के सवाल पर रहमान ने बताया कि बच्चे को क्या बीमारी है ये डॉक्टर को पता नहीं चल पा रहा है। डॉक्टर का कहना है कि गंभीर बीमारी है। रहमान ने बताया कि मंगलवार रात यहां दो बच्चों की मौत हो गयी। रहमान ने बताया कि उसके बच्चे ने पहले लीची खायी थी। इसके बाद खाना खाया था।

SKMCH शिशु रोग विभाध्यक्ष डॉ. गोपाल शंकर सहनी ने बताया कि प्रथम दृष्टया यह केस हाईपोगैसेनिया से जुड़ा दिखता है, क्योंकि पिछले 15 सालों से यहां वायरस से जुड़ा केस नहीं आया है। इस बीमारी में मेटाबोलिक इनसक्लोपैथी का लक्षण है। इसमें धीरे-धीरे शरीर में बदलाव आने लगते है। शरीर में ग्लूकोज की मात्रा घटने लगती है और इसका असर मस्तिष्क पर पड़ता है। इसके बचाव के बारे में डॉ. गोपाल शंकर ने बताया कि यदि मरीज को एक घंटे के अंदर डॉक्टर के संपर्क में लाया जाये तो उसे बचाया जा सकता है। उन्होंने इस बीमारी का सबसे बड़ा कारण मुज़फ्फ़रपुर के तापमान और ह्यूमीडिटी को बताया। उन्होंने बताया कि रात से अभी तक 6 मरीज आ चुके हैं। पिछले दो दिनों में 15 बच्चे आ चुके हैं और कल रात में दो बच्चे की मौत हो चुकी है।

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