मथुरा के सुरीर कोतवाली पर आत्मदाह करने वाली दलित महिला का शव रखकर प्रदर्शन, बेटे को 20 लाख देने की मांग

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मथुरा।। उत्तर प्रदेश में मथुरा के एक थाने में सुनवाई नहीं होने से हताश दलित दंपति ने आत्मदाह कर लिया था। इनमें से पति का पांच दिन पहले ही निधन हो गया था, जबकि पत्नी ने शुक्रवार को उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। महिला का शव सफदरजंग अस्पताल से शनिवार दोपहर मथुरा लाया गया। शव गांव पहुंचने पर ग्रामीणों ने शव के साथ प्रदर्शन शुरू कर दिया।

ग्रामीणों ने कहा कि दंपति की मौत पुलिस की निष्क्रियता के चलते हुई हैं। उन्होंने मृत दंपति के पुत्र को 20 लाख रुपए की आर्थिक सहायता, जमीन और सरकारी नौकरी देने की मांग की। मथुरा के थाना सुरीर कोतवाली में 28 अगस्त को पति जोगेंद्र के साथ खुद को आग लगाने वाली चंद्रवती की शुक्रवार देर रात दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई थी। पांच दिन पूर्व इसी अस्पताल में उसके पति ने भी दम तोड़ दिया था। दोनों ने पड़ोस में विवाद और मारपीट के बाद प्रशासन में सुनवाई नहीं होने से निराश होकर आत्मदाह कर लिया था।

शनिवार दोपहर को जब चंद्रवती का शव गांव पहुंचा तो लोग भड़क गए। अब उनके परिवार में पुत्र जगदीश ही जिंदा बचा है। गांव वालों का कहना था कि यदि पुलिस ने जोगेंद्र की शिकायत पर ध्यान देकर उसका निवारण किया होता तो इतनी बड़ी घटना नहीं होती। मौके पर पहुंचे एडीएम वित्त ब्रजेश कुमार ने आश्वासन दिया कि जमीन का पट्टा दे दिया जायेगा व आर्थिक मदद भी की जायेगी। सरकारी नौकरी के लिए शासन स्तर पर प्रतिवेदन भेजा जायेगा। उनके समझाने के बाद लोग शांत हो गये। इसके बाद ही शव का अंतिम संस्कार किया जा सका।

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