मोदी-अमित शाह के इस निर्णय से माया-अखिलेश को मिला बड़ा मौका , BJP का हो जायेगा सफाया !

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नई दिल्ली / लखनऊ।। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट से हटाए जाने के बाद कलराज मिश्रा को अब राज्यपाल बनाए जाने की चर्चा है। यदि ऐसा होता है तो कलराज मिश्रा को अपनी देवरिया लोकसभा सीट से भी इस्तीफा देना पड़ेगा। इसी बहाने यूपी के विपक्ष को एक बहुत बड़ा मौका मिल सकता है। खासकर बीएसपी सुप्रीमो मायावती और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को जहां से अपनी सियासी ताकत को दोबारा से उभार सकें।

योगी आदित्नाथ के यूपी के सीएम बनने के बाद गोरखपुर की लोकसभा सीट और केशव प्रसाद मौर्या के डिप्टी सीएम बनने के बाद फूलपुर लोकसभा सीट खाली हो रही है।आपको बता दें कि इन दोनों नेताओं को भाजपा एमएलसी बना कर सदन में ला रही है।

पूर्व मंत्री कलराज मिश्रा को यदि राज्यपाल बनाया जाता है, तो उन्हें भी अपनी सीट देवरिया इस्तीफा देना पड़ेगा। इस तरह से तीन लोकसभा सीटों पर उपचुनाव होंगे। चर्चा के अनुसार यदि पूरा विपक्ष खासकर सपा-बसपा मिलकर चुनाव लड़ते हैं तो इस उप चुनाव में बीजेपी को शिकस्त का सामना करना पद सकता है। आपको बता दें कि बीजेपी को वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में यूपी की 71 सीटों पर सफलता मिली थी।

लोकसभा के वर्ष 2014 और विधानसभा के वर्ष 2017 के चुनाव में सपा-बसपा-कांग्रेस को भारी पराजय के बाद विपक्ष के लिए ये बड़ा मौका होगा। इस दौरान माया-अखिलेश के मिलकर साथ-साथ उपचुनाव लड़ने की भी बात बार-बार उठती रही है।

यदि ऐसे में दोनों के बीच कोई समझौता होता है तो बीजेपी के लिए इस उपचुनाव को जीतना टेढ़ी-खीर साबित हो सकता है। और यदि चुनाव परिणाम बीजेपी के विपरीत जाता है तो आगामी लोकसभा 2019 में नरेंद्र मोदी और अमित शाह को बड़ा झटका भी लग सकता है।

अभी हाल ही बिहार में जो विपक्षी एकता देखने को मिली है उसने अमित शाह के कान खड़े कर दिये हैं। हालाँकि इस रैली में बसपा शामिल नहीं हुई थी लेकिन अभी भी इसको लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती ने किसी सम्भावना से इंकार नहीं किया है।

फोटोः फाइल 

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