New Delhi. अगले वर्ष 2019 में लोकसभा चुनाव होने हैं। 2019 के चुनाव के पहले इस बड़े खुलासे ने केंद्र की मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है। मामला भारतीय करेंसी से जुड़ा होने के नाते और भी गंभीर हो जाता है। चीनी मीडिया की मानें तो भारतीय करेंसी चीन में चपटी है।
अब ऐसे में सवाल उठता है कि क्या आपकी जेब में जो नोट हैं वो चीन में छपे हैं ? जी हाँ, लेकिन ये सच है और ये हम नहीं कह रहे हैं, बल्कि चीनी मीडिया का यह दावा है। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के मुताबिक चीन में इंडियन करेंसी छापी जा रही है।
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट (South China Morning Post) की खबर के बाद राजनीतिक गलियारों में हड़कंप मच गया है।
वरिष्ठ कांग्रेसी नेता शशि थरूर ने इस प्रकरण को बेहद संवेदनशील बताते हुये केंद्र की बीजेपी सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है।
ये रिपोर्ट बेल्ट एंड रोड प्रॉजेक्ट (Belt and road project) के कारण चीन में अन्य देशों के नोट प्रिंटिंग के बढ़ते कारोबार और वहां की अर्थव्यवस्था से संबंधित है।
हालांकि अभी तक इसकी पुष्टि ना तो चीन की सरकार ने की है और ना ही इंडियन गवर्नमेंट की तरफ से इस पर कोई बयान आया है।
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट (South China Morning Post) कि एक रिपोर्ट में लिखा है कि भारत, नेपाल, बांग्लादेश, मलेशिया, थाइलैंड समेत कई देशों की करेंसी चीन के प्रिंटिंग प्रेसों में छापी जा रही हैं।
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट(South China Morning Post) की रिपोर्ट में भारत का जिक्र है तो फिर यह मुद्दा उठना लाजिमी है।
कांग्रेस सांसद व वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने इसे भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिये खतरा बताते हुये सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है।
हालांकि इसपर रिजर्ब बैंक ऑफ़ इंडिया (RBI) का बयान आया है और उसमें चीनी मीडिया की इस रिपोर्ट को गलत करार दिया गया है। RBI का कहना है कि चीनी मीडिया में जो रिपोर्ट छपी है वो गलत है और इंडियन करेंसी की छपाई केवल भारत में होती है।
हालाँकि चीनी मीडिया साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट (South China Morning Post) ने इस खबर को सही ठहराने के लिये बैंक नोट प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष लियू गुशेंग के द्वारा एक मई को दिये इंटरव्यू का हवाला दिया है।
शशि थरूर ने अपने ट्विटर एकाउंट पर केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली और पीयूष गोयल को टैग करते हुये इस मामले पर सफाई मांगी है। उन्होंने लिखा है कि अगर यह सच है तो इसका राष्ट्रीय सुरक्षा पर घातक असर हो सकता है। पाकिस्तान के लिये करेंसी का नकल करना और आसान हो जायेगा।
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट में दिये गये इस इंटरव्यू में गुशेंग ने कहा था कि वर्ष 2013 से चीन में विदेशी नोटों की छपाई का काम शुरू हुआ, सबसे पहले नेपाल के नोट छापे गये। और अब यहां की भारत, नेपाल, बांग्लादेश, श्रीलंका, मलेशिया, थाइलैंड, ब्राजील, पोलैंड समेत कई देशों के नोट छपते हैं।
साभार : आजतक बिज़नेस