यह आंकड़ा एक रिपोर्ट में सामने आई है.अशोका यूनिवर्सटी के जेनपैक्ट सेंटर फॉर वूमेंस लीडरशिप (जीसीडब्ल्यूएल) द्वारा ‘प्रिडिकामेंट ऑफ रिटर्निग मदर्स’ नाम से जारी एक रिपोर्ट में बताया गया है कि मां बनने के बाद महज 27 फीसदी महिलाएं ही अपने कॅरियर को आगे बढ़ा पाती हैं।
यह रिपोर्ट कामकाजी महिलाओं की चुनौतियों पर करवाए गए एक अध्ययन के आधार पर तैयार की गई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में सिर्फ 16 फीसदी महिलाएं ही अपने कॅरियर में सीनियर लीडरशिप की भूमिका हासिल कर पाती हैं। रिपोर्ट में कार्यस्थल पर महिला-पुरुष के बीच भेदभाव की बात भी सामने आई है।
गर्भावस्था, बच्चों का जन्म, बच्चों की देखभाल, वृद्धों की देखभाल, पारिवारिक समर्थन की कमी और कार्यस्थल का परिवेश आदि कई कारक हैं, जो महिलाओं को बाहर के रास्ते दिखाते हैं और अग्रणी भूमिका निभाने से रोकते हैं।रिपोर्ट में कॉरपोरेट, मीडिया और विकास क्षेत्र में काम करने वाली शहरी क्षेत्र की महिलाओं को शामिल किया गया था।