BJP के प्लान पर फिरा पानी, योगी सरकार के पिछ़ड़ी जातियों के लिए फैसले पर अखिलेश यादव ने साधा निशाना

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उत्तर प्रदेश ।। यूपी में विधानसभा उप-इलेक्शन से पहले BJP सरकार द्वारा पिछड़ी जातियों को SC की कैटेगरी में शामिल करने के फैसले को बड़ा राजनीतिक कदम बताया जा रहा है। BJP ने ये दांव चलकर विपक्षी खेमे में अफरा तफरी मचा दिया है। 17 जातियां जैसे कहार, कश्यप, केवट, मल्लह निषाद, कुम्हार, राजभर, प्रजापति, धीवर, बिन्द और भर को अब अनुसूचित जातियों का लाभ मिलेगा।

लेकिन इससे BJP को कई अन्य पिछड़ी जातियों का विरोध भी झेलना पड़ सकता है। वहीं जहां बीएसपी इस मामले में अभी शांत हैं, वहीं कुछ वक्त में चुप बैठी सपा ने इस पर BJP सरकार को घेरा है।

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17 पिछड़ी जातियों को SC जाति की लिस्ट में शामिल करने को BJP मन ही मन एक विजय के रूप में ले रही होगी, लेकिन वह इसकी खुशी नहीं मना पा रही है। यदि 2014 लोकसभा इलेक्शन व 2017 विधानसभा इलेक्शन को देखा जाए तो जाटव के अलावा दूसरी दलित जातियों ने BJP को खूब समर्थन दिया।

सपा ने इस फैसले को लेने में की गई देरी के लिए यूपी सरकार पर प्रश्न उठाए हैं। ये तो सभी को ज्ञात है कि मायावती के अलावा पूर्व में मुलायम सिंह यादव के शासन व बाद में 2017 इलेक्शन से पहले अखिलेश सरकार ने उन जातियों को SC में शामिल करने की पहल की थी, लेकिन उसमें पूर्ण रूप से वे कामयाब नहीं हो सके।

वहीं अब BJP सरकार में एससी कैटेगरी में समायोजित हुए पिछ़डी जातियों के फैसले के बाद सपा ने अपने आधिकारिक ट्विटर पर सवाल खड़ा किया है। पार्टी का कहना है कि सामाजिक न्याय का उद्देश्य लिए 2016 में अखिलेश सरकार द्वारा 17 OBC जातियों को एससी में शामिल करने का फैसला लिया। हाईकोर्ट ने 29 मार्च 2017 को हामी भरी। फिर क्यों BJP ने इसे लागू करने में 2 साल की देर की?

फोटो- फाइल

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