लखनऊ।। लोकसेवा आयोग का चेयरमैन रहे अनिल यादव के खिलाफ उस समय भी फर्जी खबरें छपती थीं और अब भी छप रही हैं, जब वह चेयरमैन नहीं हैं। होली के दिन ही ‘अमर उजाला’ ने एक लेटर छाप दिया। छपी इस खबर में कहा गया है कि लोकसेवा आयोग के चेयरमैन रहे अनिल यादव ने पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को एक चिट्ठी लिखी है। जिसमें उनसे सहयोग मांगा गया है।
लेटर पूरी तरह से फर्जी: वकील
लोकसेवा आयोग के चेयरमैन रहे अनिल यादव के वकील आलोक कुमार का कहना है कि अमर उजाला में ‘फर्जी खबर’ छपवाई गई है। यह अनिल यादव को बदनाम करने की साजिश है। लेटर पूरी तरह से फर्जी है। अनिल यादव ने कोई लेटर लिखा ही नहीं है। उन्होंने कहा है कि, यदि ‘अमर उजाला’ मीडिया में अपनी विश्वसनीयता बनाये रखना चाहता है तो उसे वह लेटर जरूर छापना चाहिये।
मीडिया क्यों फैला रहा है झूठी खबरें
अब ऐसे में सवाल ये उठता है कि आखिर ‘अमर उजाला’ आरक्षण विरोधियों का मुखपत्र क्यों बनता जा रहा है। वह चिट्ठी को प्रकाशित करने से क्यों डर गया। इस तरह के किसी भी पत्र को छापने के पहले उसने अनिल यादव, अनिल यादव के वकील या समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता का बयान क्यों नहीं लिया। इस तरह की ‘फर्जी’ पत्रकारिता आखिर अमर उजाला क्यों कर रहा है।
आगे पढ़िये वह लेटर जिसे फर्जी तरीके से अमर उजाला में छपवाया गया।