हिंदुस्तान को मिली एक और शानदार सफलता, भगोड़े कारोबारी के बारे में आई ये बड़ी खबर

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नई दिल्ली ।। पंजाब बैक को करीबन 14 हजार करोड़ रुपए का चूना लगाने वाले मेहुल चोकसी की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। भगोड़े हीरा व्यापारी की विदेशी नगारिकता खतरे में है। एंटीगुआ सरकार ने मेहुल की नागरिकता खारिज करने का फैसला लिया है।

एंटीगुआ के प्रधानमंत्री गैस्टन ब्राउन ने कहा है कि मेहुल चोकसी को पहले यहां की नगारिकता मिली हुई थी। लेकिन अब इसे रद्द कर उसे हिंदुस्तान को सौंपा जाएगा। उन्होंने कहा कि वह किसी भी अपराधी को अपने देश में सुरक्षा नहीं देंगे। गौरतलब है कि चोकसी को हिंदुस्तान वापस लाने के लिए प्रत्यर्पण प्रक्रिया मार्च में शुरू हुई थी।

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मेहुल चोकसी की रिपोर्टों पर सरकार के सूत्रों ने बताया कि हिंदुस्तान एंटीगुआ की नागरिकता को रद्द करने की आंतरिक प्रक्रिया की प्रतीक्षा कर रहा है। इसके तुरंत बाद प्रत्यर्पण प्रक्रिया अलग से शुरू हो सकती है।

पीएम गैस्टन ब्राउन के अनुसार,अब एंटीगुआ में मेहुल चोकसी पर किसी तरह का कानूनी रास्ता नहीं बचा है, जिससे वह बच निकले। इसलिए उसकी हिंदुस्तान वापसी लगभग तय है। मेहुल चोकसी पीएनबी स्कैम में मुख्य आरोपी नीरव मोदी का बिजनेस पार्टनर और रिश्ते में उसका मामा है। पिछले लंबे समय से वह हिंदुस्तान छोड़कर एंटीगुआ में रह रहा था। उसने एक वीडियो जारी कर खुद को एंटीगुआ का नागरिक भी बताया था।

फरार हीरा कारोबारी ने अपनी सेहत का हवाला देते हुए जांच में शामिल होने से इनकार कर दिया है। बीते दिनों अदालत में दाखिल एक हलफनामे में मेहुल चोकसी ने कहा कि वह अपनी सेहत के कारण देश से बाहर है। वह चाहता है कि जांच में शामिल हो, लेकिन स्वास्थ्य संबंधी कारणों से यात्रा करने में असमर्थ है।

वहीं, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का कहना है कि मेहुल कोर्ट को गुमराह कर रहा है। उसने कहा कि मेहुल चोकसी को जांच में शामिल होने का कई मौका दिया गया, लेकिन वह शामिल नहीं हुआ। चोकसी ने दावा किया है कि उसकी 6,129 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की गई है, जो गलत है। मुंबई उच्च न्यायालय ने सख्त रूख अपना लिया है। उच्च न्यायालय ने चोकसी से कहा है कि वह स्वास्थ्य संबंधी जांच के पेपर्स मुंबई के सरकारी जेजे हॉस्पिटल भेजे।

फोटो- फाइल

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