सऊदी अरब के तेल टैंकरों पर हमला, 100 साल में पहली बार खड़ा हुआ ये बड़ा संकट

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नई दिल्ली ।। सऊदी अरब ने अरामको के दो तेल संयंत्रों पर हुए ड्रोन हमलों के बाद तेल और गैस उत्पादन में 50 प्रतिशत की कटौती की है। एक रिपोर्ट के अनुसार सऊदी अरब के ऊर्जा मंत्री प्रिंस अब्दुलाजिज बिन सलमान ने बताया कि ड्रोन हमले के कारण कच्चे तेल के उत्पादन में एक दिन में 57 लाख बैरल यानी लगभग 50 प्रतिशत की कटौती हुई है।

प्रिंस अब्दुलाजिज ने कहा कि हमले के कारण अबकैक तथा खुरैस संयंत्रों में अस्थायी तौर पर उत्पादन को स्थगित किया गया है। उन्होंने बताया कि तेल उत्पादन में की गई कटौती की भरपाई अरामको के तेल भंडारों से की जाएगी। उधर, अरामको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमीन नासिर ने कहा कि हमले में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।

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यमन के हौती विद्रोहियों ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है और कहा है कि यह ब्रिटेन में हुए बड़े हमलों में से एक है। एक हौती प्रवक्ता ने कहा ‎कि हम सऊदी शासन से वादा करते हैं कि भविष्य में हमारे अभियान का विस्तार होगा और जब तक उसकी आक्रमकता और घेराबंदी जारी रहेगी यह और अधिक कष्टदायक होंगे। हमले के लिए 10 ड्रोन तैनात किए गए हैं।

अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने सऊदी अरब के तेल संयंत्रों पर हुए हमले के लिए ईरान को जिम्मेदार ठहराया है और कहा है कि इस बात को सबूत नहीं है कि इस हमले को यमन से अंजाम दिया गया है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा ‎कि जब से हसन रूहानी तथा मोहम्मद जावेद जरीफ ने राजनयिक संबंध में ढोंग करना शुरू किया, तब से सऊदी अरब में हुए लगभग सौ हमलों में ईरान का हाथ रहा है।

फोटोः फाइल

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