2019 चुनाव से पहले मोदी सरकार के लिए आई बुरी खबर, जानकर आ सकता है गुस्सा

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नई दिल्ली ।। Modi Government आने वाले लोकसभा चुनाव 2019 को जीतने के लिए हर मुमकिन काम करने में लगी हुई है। 2019 चुनाव को देखते हुए ही मोदी सरकार (Modi Government) हर ओर अपने कार्यकाल की उपलब्धियों का बखान करती रहती है।

लेकिन मोदी सरकार (Modi Government) के कार्यकाल के दौरान एक ऐसी मुसीबत बढ़ गई है जो आने वाले समय में ना सिर्फ आम जनता के लिए परेशानियां खड़ी करने वाली है, बल्कि आने वाली सरकार के लिए भी मुसीबत बढ़ाने वाली है। दरअसल, मोदी सरकार (Modi Government) के कार्यकल में देश पर कर्ज में 49 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।

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अभी हाल ही में केंद्र सरकार के कर्ज रिपोर्ट का 8वां संस्करण जारी हुआ है, जिसके अनुसार मोदी सरकार (Modi Government) के कार्यकाल में सरकार पर कर्ज 49 फीसदी तक बढाकर 82 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गया है। जबकि वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक जून 2014 में सरकार पर कुल कर्ज 54.09 करोड़ रुपए था।

जोकि सितंबर 2018 में बढ़कर 82.03 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है। मोदी सरकार (Modi Government) के कार्यकाल के दौरान पब्लिक डेट में 51.7 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। जिसके बाद ये 48 लाख करोड़ रुपए से बढ़कर 73 लाख करोड़ रुपए हो गया है। पब्लिक डेट में हुई इस बढ़ोतरी की मुख्य वजह इंटरनल डेट में 54 फीसदी की बढ़ोतरी है। जो कि बढ़कर लगभग 68 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गई है।

मोदी सरकार (Modi Government) के साढ़े चार साल के कार्यकाल के दौरान मार्केट लोन में लगभग 47.5 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। जिसके बाद ये 52 लाख करोड़ रुपए हो गया है। जबकि जून 2014 तक गोल्ड बॉन्ड के जरिए कोई कर्ज नहीं लिया गया था। इसके अलावा गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम से जुटाए गए कर्ज का आंकड़ा 9,089 करोड़ रुपए तक पहुंच गया।

केंद्र सरकार ने सरकारी कर्ज पर जारी स्टेटस रिपोर्ट में भारत सरकार के कुल कर्ज की सारी जानकारी दी है। जिसके बाद वित्त मंत्रालय का कहना है कि सरकार वर्ष 2010-11 से ही सरकारी कर्ज पर वार्षिक स्टेटस रिपोर्ट जारी कर रही है। इस रिपोर्ट में सरकार के फाइनेंशियल डेफिसिट फाइनेंसिंग ऑपरेशन का पूरा ब्योरा मौजूद है।

फोटो- फाइल

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