तुलसी है एक वरदान, रोगों के लिए रामबाण इलाज, जानें इसके बारे में 5 बातें

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हेल्थ डेस्क. कार्तिक शुक्ल पक्ष एकादशी सोमवार को देवोत्थानी एकादशी श्रद्धापूर्वक मनाई जाएगी। इसी दिन चार महीने के शयन के बाद भगवान विष्णु जागेंगे। इसी के साथ मांगलिक कार्य भी शुरू हो जाएंगे। आज के दिन प्रतीक स्वरूप शालिग्राम (वर) और तुलसी (कन्या) के रूप में विवाह रचाने का विधान है। माना जाता है कि जिन लोगों के बेटी नहीं होती वे लोग कन्यादान करते हैं।

तुलसी

तुलसी की प्रजातियां:तुलसी को कई नामों से जाना जाता है, जिसमें सुरभि, श्यामा, रामा, शुलभा, वैष्णवी, गौरी, वृंदा, वृंदावनी, विश्व पूजिता, विश्व पावनी, पुष्पसारा, नंदिनी और कृष्ण जीवनी आदि नाम से जाता है। इसमें श्यामा की पत्तियां नीले बैगनी और रामा की पत्ती हरी और छोटी होती है।

श्यामा तुलसी श्वास रोगियों के लिए ज्यादा उपयोगी होती है। तुलसी में कैंसर रोधी तत्व भी पाए जाते हैं।

तुलसी बढ़ाती है रोग प्रतिरोधिक क्षमता:मेडिकल कॉलेज की पूर्व चिकित्सा शोध अधिकारी डॉ. शांति चौधरी ने बताया कि तुलसी सर्दी, जुकाम के वैक्टीरिया को पनपने नहीं देती है। तुलसी में ऑक्सीजन की मात्रा अधिक होती है। इसलिए इसके पौधे के पास खड़े होकर श्वास लेने से उसके औषधीय गुण शरीर में ऑक्सीजन के साथ प्रवेश करते हैं।

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