नई दिल्ली ।। संयुक्त प्रवेश परीक्षा यानी JEE Main 2020 की प्रथम परीक्षा 6 से 11 जनवरी जबकि दूसरी परीक्षा 3 से 9 अप्रैल के बीच होगी। इस बार इसके परीक्षा पैटर्न में बहुत बदलाव किया गया है।
12वीं कक्षा में गणित पढ़ने वाला हर वर्ग का प्रतिस्पर्धी बैचलर्स इन प्लानिंग कोर्स की प्रवेश परीक्षा में भाग लेने का पात्र होगा। अगले साल जनवरी में होने वाली JEE Main में जो बदलाव देखने को मिलेंगे, उनमें यह प्रमुख है।
पिछले 20 सालों में पहली बार JEE Main के सभी प्रतिभागियों को भौतिकी, रसायन और गणित के कम सवालों का सामना करना पड़ेगा। जबकि, आर्किटेक्चर कोर्स में भाग लेने के इच्छुक प्रतिस्पर्धियों को भी इंजिनियिरिंग ड्रॉइंग के कम सवाल हल करने होंगे। JEE Main मोदी सरकार से वित्तपोषित सभी तकनीकी संस्थानों और कॉलेजों की प्रवेश परीक्षा है।
अब तक वही विद्यार्थी बैचलर ऑफ प्लानिंग कोर्स में प्रवेश के योग्य होते थे, जिन्होंने 12वीं कक्षा में भौतिकी, रसायन और गणित की पढ़ाई की है। लेकिन अब 12वीं के लिए सिर्फ मैथ्स ही अनिवार्य रह गई है। साथ ही, जो लोग बैचलर ऑफ प्लानिंग कोर्स में प्रवेश लेना चाहते हैं, उनसे ड्रॉइंग टेस्ट नहीं लिया जाएगा। अब ड्रॉइंग टेस्ट सिर्फ आर्किटेक्टर की प्रवेश परीक्षा में हिस्सा लेने वाले विद्यार्थियों को ही लेना पड़ेगा।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इन बदलावों पर अपनी मुहर लगा दी है। JEE Main (मुख्य) परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन सोमवार से शुरू हो गया है। JEE Main के 15 सालों में पहली बार सवालों की संख्या घटा दी गई है। प्रश्नों के प्रकार भी बदल दिए गए हैं। पहले, इंजीनियरिंग (बीई-बीटेक) छात्रों को 30-30 मल्टिपल चॉइस क्वेश्चंस के तीन पेपर-गठित, भौतिकी और रसायन हल करने होते थे। जिनमें 30-30 प्रश्न होते थे। अब इनकी जगह 25-25 सवाल ही रहेंगे। इनमें 20-20 मल्टिपल चॉइस क्वेश्चंस होंगे, जबकि शेष 5-5 सवाल न्यूमैरिकल वैल्यु के जवाब के साथ आएंगे और तीनों पेपर का वेटेज बराबर होगा।