पंजाब ।। रावण दहन के समय हुए दर्दनाक ट्रेन हादसे में कांग्रेस नेता और पंजाब सरकार के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को क्लीन चिट मिल गई है। साथ ही उनकी पत्नी नवजोत कौर सिद्धू को भी मजिस्ट्रेट जांच में दोषी नहीं पाया गया है। उन्हें भी क्लीन चिट दे दी गई है।
जालंधर के डिविजनल कमिश्नर बी पुरुषार्थ ने दहशरे के दिन अमृतसर में हुए ट्रेन हादसे की जांच पूरी कर ली है। बी पुरुषार्थ की 300 पेज की रिपोर्ट में रेलवे और पुलिस के अलावा अमृतसर प्रशासन और नगर निगम के अधिकारियों को दोषी ठहराया गया है, और कहा है कि उन्होंने अपनी ड्यूटी ठीक से नहीं निभाई।
सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह जल्द ही रिपोर्ट पर कार्रवाई की घोषणा करेंगे। पुरुषार्थ रिपोर्ट में दशहरा मेला के आयोजक सौरभ मदान (मिट्ठू) को दोषी ठहराया गया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि इस आयोजन के आयोजक, जिसमें काउंसलर विजय मदान के बेटे सौरभ मदान, जो सिद्धू और उनकी पत्नी के करीबी माने जाते हैं ने इस कार्यक्रम के लिए उचित अनुमति नहीं ली। भीड़ के प्रबंधन की परवाह नहीं की।
इससे पहले रेल हादसे में रेलवे सुरक्षा के मुख्य आयुक्त (सीसीआरएस) ने रेलवे को क्लीन चिट दे दी। जांच में सीसीआरएस ने कहा है कि हादसा लोगों की लापरवाही की वजह से हुआ। दशहरा का मेला देखने के लिए धोबी घाट के रेलवे ट्रैक पर खड़े लोग लापरवाह थे। जांच रिपोर्ट में सीसीआरएस ने यह भी सिफारिश की है कि ऐसे आयोजन के पहले जिला प्रशासन व आयोजकों द्वारा मेला, रैली के बारे में पूर्व सूचना रेलवे प्रशासन को देनी चाहिए। ताकि रेलवे उचित सावधानी बरत सके।
अमृतसर में बड़ा दर्दनाक हादसा 19 अक्टूबर को जोडा रेलवे फाटक के पास हुआ था। जहां दशहरे की आतिशबाजी देखने के लिए करीब 1,000 लोगों की भीड़ इकट्ठा हुई। भीड़ रेल पटरियों पर थी। आतिशबाजी की चमक और शोरगुल के बीच लोगों ने जलंधर-अमृतसर डीएमयू ट्रेन को न देखा न ही सुना। रफ्तार से आ रही ट्रेन की चपेट में आकर 61 लोगों की मौत हो गई जबकि हादसे में 143 लोग घायल हुए।