नई दिल्ली।। BJP के सीनियर लीडर और पूर्व वित्त-मंत्री यशवंत सिन्हा ने अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा लिए गए आर्थिक फैसलों पर सीधा वार किया है। यशवंत सिन्हा ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि अगर देश-हित में कोई सरकार द्वारा गलत कदम उठाए जाते हैं तो वो उसके खिलाफ आवाज उठाएंगे। वो चुप नहीं बैठेंगे।
एक टीवी चैनल से बातचीत के दौरान पूर्व वित्त-मंत्री यशवंत सिन्हा ने ऐसे 10-सवाल उठाए जो सीधे मोदी सरकार के विरुद्ध है और ऐसे में मोदी सरकार को इन सवालों का जवाब देना भारी पड़ सकता है।
1)- वित्त-मंत्री अरुण जेटली वित्त-मंत्रालय को ही वक्त नहीं दे पा रहे हैं। जिसकी वजह से आर्थिक मोर्चों पर केंद्र सरकार विफल हो रही है।
2)-आज के दौर में सरकार के फैसले से पार्टी के ही कई नेता असहमत हैं, लेकिन वो खुलकर इस मुद्दे पर अपनी पार्टी का विरोध नहीं कर पा रहे हैं।
3)-आर्थिक-विकास की दर तेजी से गिर रही है। पिछले दिनों आये GDP के आंकड़े देश के लिए चिंता का विषय है। मैंने कभी अरुण जेटली को हटाने की बात नहीं कही।
4)- देश तेजी से गरीबी की ओर जा रहा है और पिछले डेढ़ साल में आर्थिक-विकास की रफ्तार पटरी से उतरी है। उन्होंने कहा कि आर्थिक रूप से मजबूत देश ही स्वावलंबी हो सकता है।
5)-यशवंत सिन्हा ने कहा कि ये जरूरी नहीं कि बेटे जयंत सिन्हा और उनके विचार एक जैसे हों। दोनों एक परिवार का हिस्सा जरूर हैं, बाप-बेटे का रिश्ता निजी है सरकारी नहीं।
6)-आजादी(सन-1947) के बाद से ही देश में आर्थिक-सुधारों की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं। “न्यू इंडिया”तो मोदी सरकार का नारा है।
7)- गलत आर्थिक निर्णयों के बावजूद चुनाव जीतना एक अलग बात है और सरकार चलाना अलग मुद्दा है।
8)-PM मोदी ने कई आर्थिक सुधारों का करीब से अवलोकन किया है, जब वो गुजरात के CM थे, तब उन्होंने कुछ बड़े आर्थिक निर्णय लिए थे। इसलिए PM मोदी को दोष देना गलत होगा।
9)- RSS भी अब अपनी नीतियों में तेजी से बदलाव ला रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे दौर में RSS की भूमिका सरकार में अलग थी और आज अलग है।
10)-अगर मोदी सरकार को दोबारा वर्ष-2019 में सत्ता में वापसी करनी है तो देश की अर्थ-व्यवस्था को पटरी पर लाना सबसे ज्यादा जरूरी है।सरकार को रोजगार-सृजन पर तेजी से ध्यान देना होगा।
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