अपनी ही सरकार पर बरसीं बीजेपी सांसद, बोलीं- दलितों का नहीं रुक रहा…

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इटावा। उत्तर प्रदेश के बहराइच से भाजपा की सांसद सावित्री बाई फुले अपनी ही सरकार से खुश नहीं हैं। उनका कहना है कि दलितों पर अत्याचार का सिलसिला अभी रुका नहीं है। इसके साथ ही आरक्षण को लेकर संविधान में जो व्यवस्था की गई थी, उसे लागू नहीं किया गया है।

अपनी ही सरकार पर बरसीं बीजेपी सांसद, बोलीं- दलितों का नहीं रुक रहा...

इसीलिए उन्होंने भारतीय संविधान व आरक्षण बचाओ अभियान शुरू किया है जो लगातार जारी रहेगा। सरकार को दलित उत्पीड़न की घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी कार्रवाई करनी चाहिए।

सावित्री बाई फुले ने कहा

इटावा के महानेपुर मे बौद्व सम्मेलन मे भाग लेने के बाद जक्ंशन रेलवे स्टेशन पर शताब्दी एक्सप्रेस से दिल्ली जाने से पहले पत्रकारो से वार्ता में सावित्री बाई फुले ने कहा कि यह अभियान उन्होंने 6 दिसंबर से शुरू किया था जो लगातार आगे बढ़ता जा रहा है।

दलित को 23 प्रतिशत आरक्षण

संविधान में आरक्षण लागू करने की जो व्यवस्था की गई थी उसके अनुसार न तो दलित को 23 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है और न ही अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण मिला है। दलितों पर अत्याचार होने के साथ ही महापुरुषों का उत्पीड़न हो रहा है।

बहराइच में बाबा साहेब डा।भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा तोड़ी गई थी। उसके आरोपियों की गिरफ्तारी अभी तक नहीं हुई है। एससीएसटी और ओबीसी के लोगों को रोजगार नहीं मिल रहा है। इनके पास जमीन नहीं है और परिवार के भरण पोषण के साधन नहीं हैं। इसके साथ ही उत्पीड़न भी जारी है।

दलितों का उत्पीड़न रोकें

सरकार को चाहिए कि लोकसभा का सत्र बुलाकर दलितों का उत्पीड़न रोकने तथा दलितों को न्याय दिलाने के लिए कार्रवाई करें। जो भूखंड खाली पड़े हैं, उन्हें चिन्हित करके दलितों को पट्टे दे दिए जाएं। सांसद ने कहा कि बहुजन समाज को अभी तक वह स्थान नहीं मिला है जो संविधान के अनुसार उन्हें मिलना चाहिए था। इसके साथ ही बहुजन समाज भुखमरी की कगार पर पहुंच गया है और उत्पीड़न का शिकार है। इसीलिए संविधान व आरक्षण बचाओ अभियान शुरू किया गया है। सांसद ने यह भी कहा कि जातीय जनगणना कराई जाए और इसी के हिसाब से कार्यक्रम चलाए जाएं।

न्याय दिलाने की मांग

लोकसभा चुनाव की चर्चा किए जाने पर सांसद सावित्री बाई फुले ने कहा कि चुनाव में अभी काफी समय है और चुनाव लड़ने के संबंध में चुनाव के समय ही फैसला किया जाएगा। अभी इस बारे में कुछ भी नहीं कहा जा सकता। उन्होंने मोदी सरकार के चार वर्ष के कार्यकाल पर कोई टिप्पणी नहीं की और यह सवाल पूंछे जाने पर दलितों के उत्पीड़न का मुद्दा उठाया और दलितों को न्याय दिलाने की मांग की।

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