लखनऊ।। जब मेड़ ही खेत को चर जाये तो इसे आप क्या कहेंगे। ये हाल है उत्तर प्रदेश की पुलिस का। गांव में एक पक्ष द्वारा बवाल किये जाने के बाद महिला ग्राम प्रधान और उसका पति अपनी बात कहने के लिए थाने पहुंचे तो इंस्पेक्टर ने कहा इन्हें भी बंद करो। हालाँकि समय-समय पर पुलिस को ये निर्देश भी दिया जाता रहा है कि वे जनप्रतिनिधियों का सम्मान खड़े होकर करें। उनकी समस्याएं सुनें और उनका तत्काल निराकरण करवाएं। लेकिन संडीला कोतवाली में कुछ और ही नियम-कानून चलता है।
मामला जनपद हरदोई के कोतवाली संडीला का है। बताया जा रहा है कि प्रधानी का चुनाव हार चुके साहिल और उनके कुछ सहयोगी लोग गांव में अक्सर कोई न कोई साज़िश करके यहाँ माहौल खराब करना चाहते हैं। वर्तमान ग्राम प्रधान तबस्सुम और उनके पति का कहना है पूर्व प्रधान साहिल मुझे और मेरे साथ गांव वालों को भद्दी-भद्दी गलियां देते हैं और यहाँ हिन्दू-मुस्लिम भाई-चारा को समाप्त कर शांति भंग करना चाहते हैं। जिले में कोई सुनने वाला नहीं है।
पूर्व प्रधान साहिल सपा सरकार में मंत्री रहे अब्दुल मन्नान का करीबी रिश्तेदार है। पूर्व मंत्री अब्दुल मन्नान के दबाव में स्थानीय प्रशासन विपक्षियों का सहयोग कर रहा है। संडीला पुलिस बिना किसी जाँच-पड़ताल के एकतरफा कार्रवाई कर रही है। मामला पूर्व मंत्री अब्दुल मन्नान के रिश्तेदार से जुड़ा है इसलिए सपा के बड़े नेता नरेश अग्रवाल भी पूर्व प्रधान साहिल के पक्ष में कोतवाली संडीला पुलिस पर दबाव बनाये हुए हैं। यह भी बताया जा रहा है कोतवाली में सपा नेता नरेश अग्रवाल की तूती बोलती है और सारे काम उनके इशारे पर होते हैं।
बताया जा रहा है कि सोची-समझी रणनीति तहत के बीते 3 मार्च को कोतवाली संडीला में रिपोर्ट की गयी। बहाजुल पुत्र साबित अली ने संडीला कोतवाली में नामजद तहरीर दी और शिकायत में कुछ लोगों के नाम भी दिए। बहाजुल ने अपनी तहरीर में कहा कि भीड़ ने अचानक से उनके घर में आग लगा दी। आग से घर का तमाम कीमती सामान जल गया है और साथ ही उक्त आगजनी में बकरी के दो बच्चे भी जलकर मर गए हैं। वहीँ ग्राम प्रधान और दूसरे पक्ष के लोगों का कहना है कि आगजनी में पूर्व प्रधान और उसके सहयोगियों का हाथ है।
आरोप के मुताबिक पुलिस ने इस प्रकरण में एक तरफा कार्रवाई करते हुए 32 लोगों को नामजद और दर्जनों अज्ञात के नाम से मामला दर्ज कर एक-पक्षीय कार्रवाई में जुटी है। पुलिस ने ताबड़तोड़ छापेमारी की कार्रवाई कर गांववालों का जीना हराम कर दिया है। गांव में दहशत का माहौल है। नौ गांव का पूर्व है ग्रामसभा अजगवां। बताया जा रहा है कि पुलिस की दहशत के चलते गांव के गांव खाली हो गए हैं।
मामला योगी के दरबार तक जा पहुँचा है। इस मामले को लेकर गाज़ी विकास समिति के प्रदेश अध्यक्ष इरफान अहमद गाज़ी ने योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या से मुलाकात की और पुरे प्रकरण से अवगत कराया। मंत्री स्वामी प्रसाद ने मामले की गंभीरता को देखते हुए उन्हें मदद का भरोसा दिलाया है। गौरतलब है कि ग्राम प्रधान तबस्सुम ने इस मामले में अपने समाज के नेता इरफान अहमद गाज़ी को पत्र लिखकर मदद मांगी थी।