बजरंगबली को लेकर BSP अध्यक्ष मायावती के इस बयान से खड़ा हुआ एक और विवाद, लोकसभा चुनाव पर लिया ये फैसला

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उत्तर प्रदेश ।। बाबा साहब डॉ. भीमराव आम्बेडकर का परिनिर्वाण दिवस गुरुवार को आयोजित किया जाएगा। इस मौके पर बीएसपी प्रमुख मायावती ने बाबा साहब को श्रद्धांजलि दी। इस दौरान मायावती ने लोगों को संबोधित करते हुए हनुमान मंदिरों में दलित पुजारियों की मांग को लेकर भाजपा पर निशाना साधा।

उन्होंने कहा कि भाजपा ने पहले जाति के आधार पर लोगों को बांटा और अब देवी-देवताओं को भी बांट रही हैं। बता दें कि मायावती ने यह बात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के उस बयान के संदर्भ में कही जिसमें उन्होंने भगवान हनुमान को दलित समाज का बताया था।

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मायावती ने कहा कि बाबा साहेब ने भारत के संविधान में ‘एक वोट एक मूल्य’ की अवधारणा देकर एक समतामूलक समाज की कल्पना की थी लेकिन केंद्र में बैठी भाजपा सरकार इस संविधान को फेल कर देना चाहती है। देश का किसान भाजपा सरकार की नीतियों से परेशान हैं।

यहां तक कि फसल बीमा योजना का असली लाभ गरीब किसानों को नहीं बल्कि कुछ अमीरों को हुआ है। उन्होंने कहा कि यही कारण है कि आज राजस्थान, मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में बसपा के प्रति जनता का उत्साह दिख रहा है।

वहीं मायावती ने आगे कहा कि महिलायें सुरक्षा व सम्मान के लिये बेचैन हैं तथा करोड़ों बेरोजगार कालेधन की वापसी व रोजगार नहीं मिलने से आहत हैं, परन्तु बीजेपी व आर.एस.एस. एण्ड कम्पनी के लोग अपनी डफली बजा रहे हैं कि ’’मन्दिर ज़रूर बनायेंगे’’ अर्थात सरकार जनहित, जनकल्याण व देश निर्माण आदि की सारी संवैधानिक कर्तव्यों व जिम्मेदारियों से मुक्त होकर मन्दिर निर्माण के कार्य में कम से कम अगले चुनाव तक जरूर लगी रहने पर कटिबद्ध लग रही है।

इनका अबतक भ्रमित करने वाला ही साबित होने वाला बहु-प्रचारित ’’विकास’’ का मुद्दा पूरी तरह से गौण हो गया लगता है। यह सब देश की मेहनतकश आमजनता खुली आंखों से देख रही है।

फोटो- फाइल

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