मुख्यमंत्री केजरीवाल ने जनता को 1 साथ दी 3 बड़ी खुशखबरियां

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नई दिल्ली ।। दिल्ली के सीएम और आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष अरविंद केजरीवाल लगातार दिल्ली की जनता के लिए नए नए काम करते रहते है और लगातार दिल्ली की जनता को नई नई सौगाते देते ही रहते है। इन्हीं खुशखबरियों के बीच अरविंद केजरीवाल ने इस बार दिल्ली की जनता को एक नहीं,दो नहीं,पूरी तीन खुशखबरियां दी है और सोगातों की लड़ी लगा दी है।

सबसे पहले केजरीवाल ने दिल्ली के छात्रों को खुशखबरी दी है। वे डीटीसी की वातानुकूलित बसों में स्टूडेंट पास पर सफर कर सकेंगे। वहीं, 100 रुपये माहवार का स्टूडेंट पास अब क्लस्टर बसों में भी मान्य होगा। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में हुई दिल्ली कैबिनेट की बैठक में शिक्षा विभाग के इससे जुड़े प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। इसके अलावा, होम गार्ड की सेवा की उम्र बढ़ाने और अनुबंधित मजदूरों के बारे में भी कैबिनेट ने फैसला लिया है।

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उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि इस सुविधा के दायरे में दिल्ली के सभी विश्वविद्यालयों के छात्र आएंगे। इसका फायदा केंद्रीय, दिल्ली सरकार व निगम के छात्रों को भी मिलेगा। दिल्ली सरकार, निगम व सोसायटी के अधीन दिव्यांगों के लिए चलने वाले संस्थानों के छात्र भी योजना के लाभार्थी होंगे। गौरतलब है कि डीटीसी समाज के विभिन्न तबकों के लिए अलग-अलग श्रेणियों का पास जारी करती है। इसके लिए दिल्ली सरकार मदद देती है। सरकार का मानना है कि छात्रों का पास एसी बसों में मान्य होने से इसके मुसाफिरों की संख्या में इजाफा होगा।

दिल्ली केबिनेट ने होमगार्ड्स नियमावली, 2008 में संशोधन के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी। इससे होम गार्ड 60 साल की उम्र तक सेवा दे सकेंगे। अब तक उन्हें 50 वर्ष उम्र तक ही काम करने की इजाजत थी। यही नहीं, पुराने नियम से किसी की नौकरी चली गई हो और उसकी उम्र अभी 60 साल से कम हो तो वह दोबारा सेवा ज्वाइन कर सकता है। अधिकारी बताते हैं कि होम गार्ड की अनुमोदित संख्या 10,285 है, लेकिन इनकी संख्या सिर्फ 4,390 है। इसकी बड़ी वजह काम करने की उम्र 50 साल होना थी। इसके अलावा, सरकार ने निर्णय लिया है कि जल्द ही 6,000 नए होम गार्ड की भर्ती की जाएगी। इसके लिए जल्दी ही कैबिनेट से मंजूरी ली जाएगी।

तीसरी खुशशबरी देते हुए केजरीवाल ने श्रम विभाग के उस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, जिसके मुताबिक दिल्ली सरकार के किसी भी काम से जुड़ने वाला नया ठेकेदार सभी कर्मियों को निकाल नहीं सकता। करीब 80 फीसदी पुराने कर्मी आगे भी नए ठेकेदार से जुड़े रहेंगे। दरअसल, दिल्ली सरकार अपनी अलग-अलग सेवाओं के लिए ठेके देती है।

इसमें मानव संसाधन ठेकेदार का होता है। ठेके की अवधि खत्म होने के बाद नया ठेकेदार रखा जाता है तो वह पुराने कर्मियों को हटा देता है। अधिकारी बताते हैं कि इससे गरीबों को खासी परेशानी होती है। इसलिए सरकार ने फैसला लिया है कि नए ठेकेदारों को 80 फीसदी कर्मियों को साथ रखना आवश्यक होगा।

यह तीनों कदम सराहनीय है और यह बताते है कि केजरीवाल हर वर्ग के लोगों के बारे मे सोचते है और उनके उद्धार के लिए काम करने से भी हिचकिचाते नहीं है और हमारे देश को केजरीवाल जैसे और भी नेताओं की जरुरत है जो स्वयं से ज्यादा प्रदेश की जनता के बारे में सोंचे।

फोटो- फाइल

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