चमकी बुखार को लेकर सीएम नीतीश ने उठाया बड़ा कदम, 153 मौतों के बाद बोले…

img

भागलपुर ।। बिहार राज्य में चमकी बुखार से हुई मौतों के बाद सीएम नीतीश कुमार ने कहा है कि इस बीमारी के बाद पूरे बिहार में सरकार ने जागरुकता फैलाई है। उन्होंने ये भी कहा कि अपनी ओर से सरकार ने राहत और बचाव में कोई कमी नहीं छोड़ी।

सुशासन बाबू के इस बयान से पहले बिहार विधानसभा में विपक्ष ने इस मामले को लेकर हंगामा किया और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे का इस्तीफा मांगा। बिहार में चमकी बुखार के कारण अभी तक करीब 153 बच्चों की मौत हो चुकी है।

पढ़िए-17 जातियों को लेकर मायावती के निशाने पर योगी सरकार , कहा- बीजेपी सरकार दे रही है धोखा

विधानसभा में सुशासन बाबू ने कहा कि हम केवल शोक प्रकट नहीं कर सकते। ये बहुत गंभीर मामला है। इतने बड़ी संख्या में बच्चों की मृत्यु हुई। हमने बैठक की और उसमें अपने अनुभव के आधार पर सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 के पहले से बीमारी और मौत का सिलसिला चल रहा था। 2015 में एक बैठक में हुई जिसमें एक बात ये भी सामने आई कि सरयू नदी से गोरखपुर में ऐसी घटना होती थी।

सीएम नीतीश ने आगे कहा कि मैंने साल 2015 में एम्स पटना में एक बैठक की थी। इस बैठक में विभिन्न विशेषज्ञों ने अलग-अलग विचार रखे कि इसका कारण क्या है। लेकिन सभी के विचार अलग-अलग थे। इस पर विशेषज्ञ की राय जानने के लिए एक रिपोर्ट भी अमेरिका भेजी गई थी।

सुशासन बाबू ने बताया कि जैपनीज़ इंसेफेलाइटिस से निपटने के लिए वैक्सीनेशन हो रहा है। सभी जगह इस बीमारे से संबंधित जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है। साथ ही लोगों को सरकार की स्वास्थ्य स्कीमों की जानकारी भी दी जा रही है। उन्होंने बताया कि जब मैं मुजफ्फरपुर हॉस्पिटल गया तो वहां मैंने देखा की पीड़ित बच्चों में सबसे अधिक बच्चियां हैं और सभी पीड़ित परिवार गरीब तबके से आते हैं।

फोटो- फाइल

Related News