230 सीटों पर मतगणना, रुझानों में BJP 109 और कांग्रेस 108 सीटों पर आगे

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नई दिल्ली ।। मध्यप्रदेश में 230 सीटों पर वोटों की गिनती जारी है। ताजा रुझानों में भाजपा 109 और कांग्रेस 108 सीटों पर आगे चल रही हैं। पिछले 13 साल से शिवराज सिंह चौहान सत्ता में हैं।

उधर, 15 साल बाद कांग्रेस राज्य में वापसी का इंतजार कर रही है। शिवराज ने दावा किया था कि वे सबसे बड़े सर्वेयर हैं और वे जानते हैं कि भाजपा ही जीतेगी। वहीं, कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह का कहना है कि उनकी पार्टी 230 में से 132 सीटें जीतेगी। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ को कांग्रेस के 140 सीटें जीतने का भरोसा है। राज्य के 8 एग्जिट पोल्स में से 5 सर्वे में कांग्रेस को आगे दिखाया गया था।

इस बार रिकॉर्ड मतदान हुआ था राज्य की 230 विधानसभा सीटों पर इस बार 75% मतदान हुआ था। राज्य में 61 साल में यह रिकॉर्ड वोटिंग पर्सेंट था। साथ ही, यह 2013 के चुनाव परिणाम से (72.18%) से 2.82 फीसदी ज्यादा रहा। मध्यप्रदेश के 11 जिले ऐसे हैं, जहां पिछली बार के मुकाबले तीन फीसदी से ज्यादा वोटिंग हुई। इन 11 जिलों में कुल 47 सीटें हैं। इनमें से भाजपा के पास पिछली बार 37 और कांग्रेस के पास 9 सीटें थीं।

नजर मालवा-निमाड़ पर : यहां की 29 सीटों पर ज्यादा वोटिंग हुई ज्यादा वोटिंग वाले 11 जिलों में से 6 जिले मालवा-निमाड़ के हैं। इनमें इंदौर, रतलाम, धार, झाबुआ, आलीराजपुर और नीमच शामिल है। इन जिलों में 29 विधानसभा सीटें हैं, जिनमें से 25 सीटों पर पिछली बार भाजपा जीती थी और कांग्रेस के पास महज 3 सीटें थीं। राज्य में 2016 में किसान आंदोलन का सबसे ज्यादा असर भी मालवा-निमाड़ में ही था।

मप्र में भाजपा ने 2003, 2008 और 2013 का चुनाव जीता। शिवराज सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने वाले राज्य के इकलौते और देशभर में भाजपा के दूसरे नेता हैं। मप्र में कांग्रेस के दिग्विजय सिंह 10 साल सीएम रहे। भाजपा के मुख्यमंत्रियों के लिहाज से देश में सिर्फ छत्तीसगढ़ के सीएम रमन सिंह उनसे आगे हैं।

भाजपा राज्य में लगातार 15 साल सरकार चलने वाली पहली पार्टी है। 1956 में अलग राज्य बनने के 11 साल बाद हुए चुनाव में कांग्रेस को जीत मिली। लेकिन सिर्फ चार महीने बाद ही पार्टी में टूट के कारण उसे दो साल तक सत्ता से बाहर रहना पड़ा था।

2003 में उमा भारती के नेतृत्व में लड़े गए चुनाव में भाजपा ने 10 साल से मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को सत्ता से बेदखल कर दिया। भाजपा के 15 साल में उमा भारती, बाबूलाल गौर और शिवराज सिंह सीएम रहे।

कांग्रेस ने 32 साल के शासन में 10 मुख्यमंत्री दिए, जिन्होंने 19 बार पद संभाला। कांग्रेस के सिर्फ दो मुख्यमंत्री कैलाशनाथ काटजू और दिग्विजय सिंह टर्म पूरा कर सके। दिग्विजय ने दो कार्यकाल पूरे किए।

फोटो- फाइल

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