मौत भी भूल गई घर का रास्ता, 129 साल की इस वृद्धा को है एक शिकायत !

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डेस्क. मौत तो हर किसी को आनी है, किसी को असमय आती है तो किसी को समय पर, लेकिन रूस में एक वृद्धा ऐसी है जिसे देखकर लगता है कि मौत उसके घर का रास्ता ही भूल गई है। 129 साल की हो चुकी कोकू इस्तामबुलोवा नाम की बुजुर्ग महिला रूस के चेचेन्य में रहती हैं। इतनी लंबी उम्र जीने के बाद भी उन्हें एक शिकायत है कि उनकी जिंदगी में खुशियों के पल कम ही आए। वर्तमान में कोकू की जो स्थिति है उसे देखते हुए लगता है कि वो अभी कुछ और साल इस धरती पर बिताने के लिए फिट हैं।

कोकू पूर्णत: शाकाहारी हैं इस उम्र में भी चलती फिरती हैं और अपने काम खुद करती हैं। उनकी नातिन के अनुसार सिवाय आंखों के कमजोर होने के उनको कोर्इ और गंभीर समस्या नहीं है।

आधिकारिक तौर पर नहीं हुर्इ पुष्टि

कोकू को दुनिया की सबसे उम्रदराज महिला माना जाता है। हालांकि, इस बात की कोर्इ आधिकारिक पुष्टि नहीं हुर्इ है कि कोकू ही दुनिया की सबसे ज्यादा उम्र की जीवित महिला हैं। इस वक्त इस खिताब पर औपचारिक अधिकार 2 मई 1901 को पैदा हुर्इ जापान की चियो मियाको का है। मियाको की उम्र 117 साल कुछ दिन बतार्इ जा रही है। उनसे पहले सबसे उम्रदराज महिला का खिताब 1875 में जन्मी फ्रांस की जीन कालमेन्ट के पास था जिनका 1997 में 122 साल की उम्र में देहांत हो गया था।

सजा है जिंदगी

अपने चर्चित और खास होने का अहसास कोकू को कोर्इ खुशी नहीं देता। वे मानती है कि उनकी लंबी उम्र दरसल उन्हें र्इश्वर की ओर से दी गर्इ सजा है। उनकी नातिन मदीना भी कहती है कि नानी कभी खुश नहीं रहतीं। कोकू के सामने उनके उनके सभी बच्चों की मौत हो चुकी है, ऐसे में उन्हें लगता है कि अब उनके पास खुश होने की कोर्इ वजह नहीं है। वे मानती हैं कि उन्होंने इतने हादसे देखे हैं फिर भी उनकी मृत्य नहीं हुर्इ वो शायद इसीलिए कि मौत उनके घर का रास्ता भूल गर्इ है। द्वितीय विश्व युद्ध की विभिषिका देख चुकी कोकू का कहना है कि अपने बच्चों को अपने सामने मरते देखना कोर्इ खुशी की बात तो है नहीं।

सिर्फ एक दिन था खुशी का

कोकू का कहना है कि उनके लिए सिर्फ एक दिन खुशी का था जब उन्होंने अपने नए घर में प्रवेश किया था जिसे उन्होंने अपनी कमार्इ से खुद बनाया था। कोकू की उम्र के बारे में आधिकारिक पुष्टि खुद रूस सरकार ने की है। उनके पासपोर्ट में उनके जन्म की तारीख 1 जून 1889 लिखी गई है। इस हिसाब से द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान वे 55 साल की रही होंगी और 1991 में सोवियत संघ के पतन के दौरान वे 102 साल की रही होंगी। कोकू कहती हैं कि उन्होंने देखा है लोग लंबी उम्र के लिए कर्इ जतन करते हैं जिनमें व्यायाम से लेकर खेल, अच्छा खाना सब शामिल है पर उन्होंने एेसा कुछ भी नहीं किया फिर भी उन्हें मृत्यु नसीब नहीं हुर्इ।

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