उत्तराखंड ।। ईरान (Iran) से तेल आयात की छूट खत्म करने के अमेरिकी सरकार के फैसले से पनपी चुनौतियों से हिंदुस्तान अभी पूरी तरह निपट भी नहीं पाया है कि अब यूएस दूसरा झटका देने की तैयारी में है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सरकार ने कहा है कि वह हिंदुस्तान को व्यापार में तरजीह दिलाने वाले GSP दर्जे को समाप्त करने के अपने निर्णय से पीछे हटने वाली नहीं है।
ट्रंप ने 4 मार्च को इस बात की घोषणा की थी कि वह GSP कार्यक्रम से हिंदुस्तान को बाहर करने वाले हैं। इसके बाद 60 दिनों की नोटिस अवधि 3 मई को खत्म हो गयी। अब इस मामले में किसी भी वक्त औपचारिक ऐलान किया जा सकता है।
अमेरिका के एक अफसर ने नाम गोपनीय रखने की शर्त पर कहा कि पिछले एक साल से हिंदुस्तानी समकक्षों के साथ जारी बातचीत के बाद अंततः मार्च में हमें यह घोषणा करनी पड़ी कि हिंदुस्तान को अब GSP के अंतर्गत मिलने वाले लाभ से वंचित रखा जाए।
उन्होंने कहा कि ये निलंबन अब तय है। अब काम ये है कि हम आगे कैसे बढ़ते हैं, आगे की राह तलाशने के लिए हम नरेंद्र मोदी की दूसरी सरकार के साथ किस तरह से काम कर पाते हैं? सामान्य तरजीही प्रणाली (GSP) अमेरिका द्वारा अन्य देशों को व्यापार में दी जाने वाली तरजीह की सबसे पुरानी और बड़ी प्रणाली है।
इसके अंतर्गत दर्जा प्राप्त देशों को हजारों सामान बिना किसी शुल्क के अमेरिका को निर्यात करने की छूट मिलती है। हिंदुस्तान 2017 में GSP कार्यक्रम का सबसे बड़ा लाभार्थी रहा। वर्ष 2017 में हिंदुस्तान ने इसके तहत अमेरिका को 5।7 अरब डॉलर का निर्यात किया था।