आंख से जुड़ी इस बीमारी को न करें नजरअंदाज, चली जाएगी आंखों की रोशनी

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हेल्थ डेस्क. रेटिनल डिटैचमेंट आंखो से जुड़ी एक खतरनाक अवस्था है। इस अवस्था में रेटिना तक खून और पोषक तत्व पहुंचने में दिक्कत होती है। जिसमें रेटिना आंख की पिछली दीवार से अलग हो जाती है। अगर इस समस्या का समय पर इलाज ना कराया गया तो यह समस्या बढ़कर आंखों की रोशनी भी ले लेती हैं।

रेटिनल डिटैचमेंट

लक्षण

अगर किसी व्यक्ति को नजर के सामने अलग सी रोशनी की किरणें या धागे जैसी हिलने वाले वस्तुएं दिखे तो उसे हल्के में न लें। साथ ही अगर किसी को किनारों से चीजें अंधेरी सी दिखाई दे, तो बिना किसी देरी के एक अच्छे रेटिना विशेषज्ञ को दिखाएं।

प्रकार

रेटिनल ब्रेक या टीअर

इसे चिकित्सकीय शब्दों में रेग्मैटोजिनस रेटिनल डिटैचमेंट कहते है। इसमें आंख के मध्य में मौजूद तरल जिसे विट्रियस कहते हैं, रेटिनल टीअर से निकलने लगता है, जिसके कारण रेटिना अपने स्थान से हटने या उठने लगता है।

एक्सुडेटिव रेटिनल डिटैचमेंट

यह रेटिना से तरल के रिसाव के कारण होता है। ज्यादातर मामलों में ट्यूमर या किसी सूजन संबंधी विकार के कारण एक्सुडेटिव रेटिनल डिटैचमेंट होता है।

ट्रैक्शन रेटिनल डिटैचमेंट

ऐसा प्रोलिफरेटिव डायबिटिक रेटिनोपैथी के कारण होता है। इसमें रेटिना विट्रियस कैविटी में मौजूद संवहनी ऊतक से अलग हो जाती है।

अधिक खतरा

अगर आपके घर में कभी भी किसी को यह बीमारी हो चुकी होती है तो आपको भी इस बीमारी होने की आंशका बढ़ जाती है। यह आमतौर पर उन लोगों को होती है जिन लोगों में पास की नजर कमजोर होती है। या फिर कभी किसी को मोतियाबिंद हो चुका होता है।

आसान से उपचार

इस बीमारी के इलाज है सर्जरी। सर्जरी इस बीमारी का सबसे उपयोगी समाधान है। इस सर्जरी को स्क्लेरल बक्कल के नाम से जाना जाता है। इस तरीके से मरीज को ज्यादा परेशानी भी नहीं होती और जिनकी समस्या ज्यादा जटिल नहीं होती उन लोगों के लिए ऑपरेशन के बाद फौरन घर जाने की अनुमति मिल जाएगी।

सामान्य सर्जरी के 2-3 हफ्ते तक व्यक्ति को थकान महसूस हो सकती है। इसके अलावा अगर आपकी आंख में गैस का बुलबुला है, तो गाड़ी चलाने या हवाईजहाज की यात्रा से बचें। कई बार सर्जरी के 2-3 दिन तक आंख में असहजता या खुरदुरापन महसूस हो सकता है।

अगर आपको कभी भी रेटिनल डिटैचमेंट हो जाए तो इस बात का ध्यान रखें कि यह बीमारी दूसरी आंख में ना फैलें। क्योंकि यह बहुत ही तेजी से फैलती है। और इसके दूसरी आंख में होने की आशंका भी बढ़ जाती है। अगर आपको डायबिटीज है तो अपनी आंखों का नियमित रूप से जांच करवाते रहें।

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