उत्तराखंड ।। इजराइल और फिलीस्तीन के साथ मामलों को लेकर हिंदुस्तान हमेशा से एक बीच का रास्ता अपनाता रहा है। लेकिन मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से हिंदुस्तान के रुख में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिले है। हिंदुस्तान ने दोनों देशों के साथ अपने रिश्तों को अलग-अलग तरीके से निभाने के लिए नई रणनीति अपनाई है।
इसी कड़ी में हिंदुस्तान ने अब एक बड़ा फैसला लिया है। दरअसल, हिंदुस्तान ने अपने पुराने रुख में बदलाव करते हुए संयुक्त राष्ट्र में इजराइल का समर्थन किया है। हिंदुस्तान ने संयुक्त राष्ट्र की आर्थिक और सामाजिक परिषद में इजराइल के प्रस्ताव के समर्थन में मतदान किया है। इससे पहले तक हिंदुस्तान ऐसे मामलों से दूरी बनाता रहा है।
इजराइल ने संयुक्त राष्ट्र में फिलीस्तीन के एक फैसले को लेकर प्रस्ताव रखा था। अपने प्रस्ताव में इजराइल ने फिलीस्तीन के एक गैर-सरकारी संगठन ‘शहीद’ को सलाहकार का दर्जा दिए जाने को लेकर आपत्ति दर्ज कराई है। इजराइल ने ये आरोप लगाया है कि इस संगठन ने हमास के साथ अपने रिश्तों को लेकर कोई खुलासा नहीं किया है।
बीते 6 जून को इजराइल ने संयुक्त राष्ट्र की आर्थिक और सामाजिक परिषद में प्रस्ताव का मसौदा ‘L.15’ पेश किया था। इस प्रस्ताव के पक्ष में 28 वोट पड़े जबकि विरोध में 14 देशों ने मतदान किया। साथ ही पांच देशों ने इस प्रक्रिया में भाग नहीं लिया। इस तरह से आखिरकार संगठन को संयुक्त राष्ट्र में पर्यवेक्षक का दर्जा देने का प्रस्ताव खारिज हो गया।
बता दें कि प्रस्ताव के पक्ष में ब्राजील, कनाडा, कोलंबिया, फ्रांस, जर्मनी, हिंदुस्तान, आयरलैंड, जापान , कोरिया, यूक्रेन, ब्रिटेन और अमेरिका ने वोट किया, जबकि विरोध में मिस्र, पाकिस्तान, तुर्की, वेनेजुएला, यमन, ईरान और चीन समेत 14 देशों ने वोट किया। इसके साथ ही अब परिषद ने संगठन के आवेदन को लौटाने का फैसला किया है, क्योंकि इस साल की शुरूआत में जब विचार किया जा रहा था तो संगठन की ओर से कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां नहीं दी जा सकी थी।
संयुक्त राष्ट्र में प्रस्ताव के समर्थन में वोट करने को लेकर इजराइल ने हिंदुस्तान का आभार व्यक्त किया है। दिल्ली स्थिति इजराइली दूतावास ने कहा हिंदुस्तान के इस फैसले के लिए धन्यवाद व्यक्त किया। इजराइली डिप्लोमैट माया कडोश ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान करने को लेकर हिंदुस्तान का आभार जताते हुए एक ट्वीट किया।
उसमें उन्होंने लिखा कि इजराइल के साथ खड़े रहने और आतंकी संगठन ‘शहीद’ को पर्यवेक्षक का दर्जा देने की अपील को खारिज करने के लिए हिंदुस्तान का बहुत-बहुत शुक्रिया। जिन आतंकी संगठनों का मकसद हमारा नुकसान पहुंचाना है, हम साथ मिलकर उन आतंकी संगठन के खिलाफ काम करते रहेंगे।