यहां पर इंसानों का मरना है मना, लागू No death policy, जानिए क्यों

img

न्यूज डेस्क ।। दुनिया के सबसे उत्तरी छोर पर बसे नार्वे का लॉन्गेयरबेन अपनी कई खास कारणों के चलते दुनियाभर में मशहूर है। इस शहर की आबादी 2000 के आस-पास है और स्वाबलार्ड आइलैंड का ये अकेला ऐसा शहर है, जहां पर जमने वाली ठंड के बावजूद लोग रह रहे हैं।

यहां माइनस टेम्परेचर में जिंदगी जितनी मुश्किल है, उतना ही मुश्किल पोलर बीयर से निपटना है। सबसे हौरान और खास बात तो ये है कि यहां किसी को मरने की इजाजत नहीं है।

आपको बता दें कि लॉन्गेयर के नाम से भी पहचाने जाने वाले इस आर्कटिक टाउन की खोज अमेरिकी जॉन लॉन्गेयर ने की थी। सन 1906 में यहां उन्होंने आर्कटिक कोल कंपनी शुरू की और माइनिंग ऑपरेशन के लिए 500 लोग लाए गए।

पढ़िए- खुलासाः माता पिता की इस भूल से पैदा होते है किन्नर, कहीं आप तो नहीं करते ये भूल

लॉन्गेयर 1 टाउन था, लेकिन साल 1990 तक यहां से अधिकतर माइनिंग ऑपरेशन स्वियाग्रूवा शिफ्ट हो गए। अब ये टाउन 1 बड़ा Tourists point बन गया है और अधिक संख्या में यहां रिसर्च का काम भी किया जा रहा है।

आपको बता दें कि यहां साल में 4 माह सूरज नहीं निकलता और 24 घंटे रात रहती है, यहां सड़कों के कोई नाम नहीं हैं और इन्हें Numbers से जाना जाता है। Transportation के लिए यहां सिर्फ स्नो स्कूटर का इस्तेमाल होता है।

अगर यहां कोई बीमार हो जाए या मौत के करीब हो, तो उसे आखिरी दिनों के लिए प्लेन या शिप की मदद से नॉर्वे के दूसरे हिस्सों में भेज दिया जाता है। वजह यह है कि शहर में 1 बहुत ही छोटा कब्रिस्तान है।

पढ़िए- Nude योगा : ये अभिनेत्रियां करती है बिना कपड़ों के योगा, कारण जानकर आप भी…

पिछले 70 साल में यहां तब से कोई भी दफनाया नहीं गया, जब से पता चला कि पहले दफनाई गईं लाशें अब तक जमीन में घुल भी नहीं पाई हैं। जमने वाली ठंड के चलते लाशें यहां खराब ही नहीं होतीं। विज्ञानिकों ने कुछ साल पूर्व यहां 1 डेडबॉडी के टिशू सैम्पल के तौर पर लिए थे, जिसमें अब भी इन्फ्लुएंजा के वायरस मिले। इसके चलते यहां नो डेथ पॉलिसी लागू कर दी गई है।

यहां हर समय पोलर बीयर का खतरा रहता है। इनसे निपटने के लिए सभी को हाई पावर राइफल रखना आवश्यक है। यहां पोलर बीयर की आबादी करीबन 3000 है। इनके डर से घर से बाहर हर शख्स आपको राइफल के साथ नजर आएगा।

फोटोः फाइल

इसे भी पढ़िए

ÓñªÓñ┐Óñ▓ÓÑìÓñ▓ÓÑÇ: ÓñåÓñºÓÑÇ Óñ░Óñ¥Óññ ÓñòÓÑï Óñ¬ÓÑüÓñ▓Óñ┐Óñ© Óñ©ÓÑç Óñ╣ÓÑüÓñå ÓñÁÓñ┐ÓñÁÓñ¥Óñª ÓññÓÑï Óñ«Óñ╣Óñ┐Óñ▓Óñ¥ Óñ¿ÓÑç ÓñëÓññÓñ¥Óñ░ ÓñªÓñ┐Óñ»ÓÑç ÓñòÓñ¬ÓÑ£ÓÑç

 

Related News