दुनिया की चौथी सबसे खतरनाक एयरफोर्स के पायलट बनने की रखते हैं चाहत, तो करना होगा ये काम

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क्या आपको पता है कि पाकिस्तान में घुसकर आतंकी ट्रेनिंग कैंप्स उड़ाने वाले मिराज फाइटर स्क्वाड्रन के पायलट्स कैसे अपने निशाने को भेदने में इतने सफल होते है. चलिए आज हम आपको बताते हैं कि कैसे तैयार होते है दुनिया के चौथें सबसे खतरनाक एयरफोर्स के पायलट. अगर आप भी इंडियन एयर फोर्स में जाना चाहते है, तो ये आपके लिए काफी मददगार होगा.

आपको बता दें कि इंडियन एयर फ़ोर्स में शामिल होना और पायलट बनना आसान नहीं हैं. लेकिन अगर आपने ये सपना देखा है तो इसके लिए पहले आपको इंडियन एयर फ़ोर्स की फ्लाइंग ब्रांच में शामिल होना पड़ेगा. लेकिन साथ ही आपको बता दें अगर आप परीक्षा में एक बार फेल हो गए तो जिंदगी भर आप पायलट बनने के लिए अप्लाई नहीं कर सकते हैं.

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भारतीय वायु सेना में भर्ती होने के लिए पहले आप को फिजिक्स और मैथेमेटिक्स विषय के साथ 12वीं पास होना अनिवार्य है. गौरतलब है कि फ्लाइंग ब्रांच में हिस्सा लेने के लिए छात्र ने अपनी 12वीं कक्षा साइंस स्ट्रीम से की हो.

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अगर आप ऊपर दी गयी योग्यता रखते हैं तो इसके बाद आपको इंडियन एयर फोर्स की एंट्रेंस परीक्षा देनी होगी. पायलट बनने के लिए इंडियन एयरफोर्स ने बहुत सी परीक्षाएं निर्धारित की है. जिसमें 12वीं और ग्रेजुएट छात्रों के लिए परीक्षा तैयार की गई है.

अगर आप 12वीं पास हो कर पायलट बनना चाहते है, तो आपको नेशनल डिफेंस अकेडमी का एग्जाम देना होगा. ये परीक्षा UPSC दवारा हर साल आयोजित की जाती है. जिसमे 60 फीसदी की बाधा आपको पार करनी होती है. वहीं अगर आप ग्रेजुएशन की बाद अप्लाई करना चाहते हैं तो आप CDS, AFCAT (एयरफोर्स कॉमन एडमिशन टेस्ट) और NCC के जरिए आप इंडियन एयर फोर्स की फ्लाइंग ब्रांच के लिए अप्लाई कर सकते हैं.

अगर आप इन परीक्षाओं को पास कर लेते है, तो उसके बाद भर्ती की दूसरी प्रक्रिया शुरू होती है. जिसमे आपको SSB इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता है. इंटरव्यू की प्रक्रिया 5 स्टेज में होती है और जो उम्मीदवार इन पांच स्टेज को सफलतापूर्वक पूरा कर लेते हैं. फिर उन्हें मेडिकल चेक-अप, PABT टेस्ट (पायलट एप्टीट्यूट बैटरी टेस्ट) के लिए भेजा जाता है.

फिर अगर आप पांचों स्टेज को पास करने के साथ आप मेडिकल चेक-अप, PABT टेस्ट भी पास कर लेते है, तो शुरू होता है आप के पायलट बनने का सफर. जिसके बाद आपको ट्रेनिंग के लिए Dundigal Air Force Academy भेजा जाता है. इस ट्रेनिंग प्रक्रिया को तीन भाग में बाटा जाता है.

पहली ट्रेनिंग में उम्मीदवारों को एयरक्राफ्ट से जुड़ी बेसिक जानकारी दी जाती है और इसमें उम्मीदवार को 55 घंटे का फ्लाइट एक्सपीरियंस भी मिलता है. ये प्रक्रिया 6 महीने तक चलती है.

दूसरी ट्रेनिंग को “intermediate training” भी कहा जाता है. ये पायलट ट्रेुनिंग का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है. जिसमें उम्मीदवारों को एयरक्राफ्ट दिया जाता है, जिसमें उन्हें एयरक्राफ्ट को उड़ाने का मौका भी दिया जाता है जहां उन्हें उसकी परफेक्ट हैंडलिंग का ध्यान रखना होता है.

तीसरी ट्रेनिंग- ये प्रक्रिया 12 महीने तक चलती है जिस दौरान उम्मीदवारों को HAWK एयरक्राफ्ट के साथ ट्रेनिंग दी जाती है. जिसमें उम्मीदवारों को कई तरह के फाइटिंग टेक्निक्स सिखाए जाते हैं. ट्रेुनिंग के दौरान उम्मीदवारों को Jaguar, Mig और अन्य एयकक्राफ्ट के साथ ट्रेनिंग दी जाती है. जो उम्मीदवार इन तीनों स्टेज को सफलतापूर्वक सफल कर लेते हैं. पायलट का लाइसेंस दे दिया जाता है.

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