देहरादून में इससे बढ़ गया दुर्घटनाओं का खतरा, प्रमुख सड़कों पर भी गड्ढों की भरमार

img

उत्तराखंड ।। स्मूथ ट्रैफिक के लिए सड़कें गड्ढा मुक्त होना भी आवश्यक है। कम से कम जिस शहर में राजधानी हो, वहां ऐसी उम्मीद तो की ही जाती है कि सड़कें स्मूथ हों। लेकिन, इससे उलट देहरादून की सड़कों में गड्ढों की भरमार है। शायद ही ऐसी कोई रोड को कि जहां गड्ढे न हों। रही सही कसर इस बरसात ने पूरी कर दी है और कई रोडें तो ऐसी हैं, जहां पूरा का पूरा भाग गड्ढों में तब्दील हो गया है। एक अनुमान के अनुसार, देहरादून की प्रमुख सड़कों पर कम से कम 1000 गड्ढे बन गए हैं।

गड्ढों से भरी देहरादून की सड़कें ट्रैफिक के लिए भी मुश्किलें खड़ी कर रही हैं और इससे दुर्घटनाओं का खतरा भी बढ़ गया है। गड्ढों से बचने के लिए वाहन बीच सड़क पर ही दूसरे वाहनों को चौंकाते हुए इधर-उधर कट मारते हैं, जिससे जाम की परेशानियां तो बढ़ती ही है, इससे किसी भी समय बड़ा हादसा भी हो सकता है।

पढ़िए-छोटे कर्जदारों को केंद्र सरकार का बड़ा तोहफा, इस स्कीम के तहत माफ किया जाएगा लोन

आपको बता दें कि देहरादून की सड़कों पर मरम्मत के नाम पर प्रतिवर्ष लगभग डेढ़ करोड़ रुपए खपा दिए जाते हैं। हालांकि, ये काम इतने चलताऊ प्रकृति के होते हैं कि कुछ ही महीनों में सड़कों पर मरम्मत के नाम पर लगाए गए टल्ले उखड़ जाते हैं और बरसात आते ही हालात जस के तस हो जाते हैं। इस तरह से हर वर्षा ऋतु के बाद गड्ढे भरने की प्रक्रिया बजट खपाने का आसान जरिया बनती जा रही है। इस दफा भी लोनिवि के प्रांतीय खंड, निर्माण खंड, ऋषिकेश के अस्थाई खंड व राष्ट्रीय राजमार्ग खंड डोईवाला ने दून क्षेत्र की सड़कों के लिए लगभग 50-50 लाख रुपए के बजट का अनुमान पैचवर्क के लिए लगाया गया है।

फोटो- फाइल

Related News