आयकर नियम के अनुसार, इन 5 मामलों में कैश लेन-देन पर टैक्स छूट नहीं मिलती

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New Delhi. वित्तीय वर्ष के आखिरी महीनों में हम अपनी सालाना आय और उस हिसाब से कर छूट की गणना में लग जाते हैं। इसी आपाधापी में हम कुछ ऐसे लेनदेन कर लेते हैं, जिन पर आपको आयकर छूट नहीं मिलती। ऐसे में निवेश की रकम तो फंस ही जाती है, साथ ही में आपको कर छूट का लाभ भी नहीं मिलता। स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी भी इसका एक उदाहरण है, जिसका नकद खरीद करने पर आप आयकर छूट का दावा नहीं कर सकते।

ऑनलाइन जमा करें हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम

वैसे तो किसी भी बैंकिंग या बीमा उत्पाद का ऑनलाइन माध्यम से या चेक के जरिये भुगतान बेहतर होता है, लेकिन स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर प्रावधान इस मायने में ज्यादा सख्त हैं। अगर आप इसका भुगतान कैश करते हैं तो फिर आयकर कानून की धारा 80डी के तहत छूट का दावा नहीं कर पाएंगे। आयकर विभाग ऐसी खरीद पर आपसे अतिरिक्त जानकारी भी मांग सकता है। अगर लेनदेन संदिग्ध हुआ तो आप पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है।

बड़ी रकम नकद लेने से बचें

अगर आप एक दिन में किसी से भी दो लाख रुपये या उससे ज्यादा नकद स्वीकार करते हैं, तो भी आयकर कानून के तहत कार्रवाई के दायरे में आ सकते हैं। अगर आपने एक ही व्यक्ति से एक दिन में कई हिस्सों में भी दो लाख रुपये से ज्यादा लिए हैं तो भी आयकर कानून के तहत कार्रवाई के दायरे में आ सकते हैं। लिहाजा चेक या ऑनलाइन भुगतान ही बेहतर विकल्प है। आयकर कानून की धारा 271डीए के तहत आप पर नकद लेनदेन की राशि के बराबर तक का जुर्माना लगाया जा सकता है और अगर मामला बेनामी संपत्ति या हवाला कारोबार का निकला तो कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है।

डिजिटल माध्यम का ही इस्तेमाल करें

अगर आप कोई अचल संपत्ति खरीद रहे हैं तो उसमें भी 20 हजार रुपये से अधिक का भुगतान न करें। ऐसा भुगतान करने वाला और लेने वाला दोनों कार्रवाई के दायरे में होंगे। ऐसे मामलों में चेक, डीडी या नेटबैंकिंग जैसे माध्यमों का ही इस्तेमाल करें। दोषी पाए जाने पर आयकर की धारा 271डी के तहत आप पर लेनदेन की राशि से लेकर लोन की राशि के बराबर तक का जुर्माना लगायाजा सकता है। न ही कर छूट का लाभ मिलेगा।

चंदा देने के लिए चुनाव बांड बेहतर साधन

अगर आप किसी भी धर्मार्थ संस्था या राजनीतिक प्रतिष्ठान को दो हजार रुपये से ज्यादा नकद का चंदा देते हैं तो भी आप इस पर आयकर छूट का दावा नहीं कर सकते। राजनीतिक दलों को चंदा देने के लिए चुनाव बांड बेहतर साधन है, जिसकी नई किस्त जनवरी में जारी होगी। नकद लेनदेन के ऐसे कई मामलों में राजनीतिक पार्टियां बेनामी लेनदेन की कार्रवाई की चपेट में आ चुकी हैं।

अगर आप किसी बिजनेस या पेशे से जुड़े हैं तो व्यवसाय से जुड़े किसी भी खर्च पर दस हजार रुपये से ज्यादा का नकद लेनदेन न करें। अगर अपने नाम के चेक, डीडी या ऑनलाइन माध्यम के अलावा किसी भी अन्य तरीके से ऐसे खर्च का भुगतान होता है तो किसी भी मद में आप इस पर आयकर छूट नहीं हासिल कर पाएंगे।

व्यवसाय खर्च 10 हजार से ज्यादा नहीं

अगर आप किसी बिजनेस या पेशे से जुड़े हैं तो व्यवसाय से जुड़े किसी भी खर्च पर दस हजार रुपये से ज्यादा का नकद लेनदेन न करें। अगर अपने नाम के चेक, डीडी या ऑनलाइन माध्यम के अलावा किसी भी अन्य तरीके से ऐसे खर्च का भुगतान होता है तो किसी भी मद में आप इस पर आयकर छूट नहीं हासिल कर पाएंगे।

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