डेस्क। इस बार 27 जुलाई 2018 को 21वीं सदी का सबसे लंबा खग्रास चंद्र ग्रहण होगा। ग्रहण 27 जुलाई की मध्य रात्रि में 11 बजकर 45 मिनट पर होगा और इसका मोक्ष काल यानी अंत 28 जुलाई की सुबह 2 बजकर 45 मिनट पर होगा।
चंद्र ग्रहण शुरू होने से अंत होने तक करीब 4 घंटे का रहेगा। ग्रहण पर ज्योतिषियों की भविष्यवाणी डराने वाली है। उज्जैन के ज्योतिषी ने बताया कि आषाढ़ पूर्णिमा पर 27 जुलाई की रात खग्रास चंद्र ग्रहण होगा। यह 21वीं सदी का सबसे लंबा चंद्र ग्रहण होगा।
इसे पूरे देश में इसे देखा जा सकेगा। भारत के साथ ही कई अन्य देशों पर भी 27 जुलाई को पड़ने वाले चंद्र ग्रहण का बुरा प्रभाव हो सकता है। उन्होंने बताया कि जब भी सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण एक ही महीने में होते हैं, तो प्राकृतिक आपदाएं आती हैं।
ग्रहण से भूकंप, चक्रवात, ज्वालामुखी व सुनामी की आशंका के अलावा उपग्रहों और विमानों में खराबी आने की आशंका भी बढ़ जाती है। इससे पहले 26 जुलाई 1953 को सबसे लंबा चंद्र ग्रहण पड़ा था। यह बीसवीं सदी का सबसे लंबा चंद्र ग्रहण था। इस दौरान ग्रीस में भीषण भूकंप आया था।