जब कंगारुओं ने छुड़ा दिए थे टीम इंडिया के पसीने, तब कप्तान कोहली ने बुमराह को पढ़ाया था ये पाठ

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उत्तराखंड ।। भारतीय टीम को आस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले टेस्ट मैच के पांचवें दिन सोमवार को पुछल्ले बल्लेबाजों के जुझारूपन के कारण जीत के लिये इंतजार करना पड़ा और कप्तान विराट कोहली ने बाद में कहा कि ऐसे मौके पर वो शांतचित नहीं थे। उस दौरान विराट के मन भी खलबली मची हुई थी।

ऑस्ट्रेलिया के अंतिम चार बल्लेबाजों ने 107 रन जोड़े जिससे एक समय भारतीयों की भी चिंता बढ़ने लगी थी। ऑस्ट्रेलिया के पुछल्ले बल्लेबाजों, खासतौर पर पैट कमिंस और मिशेल स्टार्क ने भारतीय गेंदबाजों की जमकर परीक्षा ली जिसके दम पर वे मैच रोमांचक बनाने में सफल रहे।

मैदान पर इस दौरान ऑस्ट्रेलियाई फैंस ने हर गेंद पर तालियां बजाकर अपने इन बल्लेबाजों की हौसलाअफजाई की। भारत ने ऑस्ट्रेलिया को इस मैच में 31 रन से हराकर चार मैचों की टेस्ट सीरीज में 1-0 से बढ़त बना ली है।

रोमांचक क्षणों में कप्तान विराट कोहली भी कुछ देर के लिए सन्न रह गए थे क्योंकि जीता जिताया मैच अचानक से हार की ओर जाता दिखने लगा था।

विराट ने मैच के बाद कहा, ‘टेस्ट मैचों में ऐसा होता है। मैच में उतार चढ़ाव आते रहते हैं। बाधाएं भी आती हैं। उन्होंने वास्तव में अच्छा संघर्ष किया लेकिन हमने अपनी रणनीति अच्छी तरह से लागू की।’

भारतीय कप्तान से पूछा गया कि जब पुछल्ले बल्लेबाज इंतजार बढ़ा रहे थे तब क्या वे चिंतित थे, उन्होंने कहा, ‘मैं यह नहीं कहूंगा कि मैं बिल्कुल शांतचित था लेकिन आप अपनी भावनाओं को खुलकर उजागर नहीं कर सकते। जसप्रीत (बुमराह) को उसके आखिरी ओवर में मैंने सहज रहने को कहा। गेंदबाजों पर मुझे गर्व है। हमारे पास चार गेंदबाज थे और उन्होंने 20 विकेट लिये जो बड़ी उपलब्धि है। पूर्व में हम ऐसा नहीं कर पाये।’

विराट कोहली ने भारतीय टीम के सभी खिलाड़ियों की तारीफ की। खासतौर पर पहली पारी में शतक व दूसरी पारी में अर्धशतक जड़ने वाले चेतेश्वर पुजारा और दूसरी पारी में संघर्षपूर्ण अर्धशतक जड़ने वाले अजिंक्य रहाणे की तारीफ के पुल बांधे। गौरतलब है कि चेतेश्वर पुजारा ने नंबर.3 पर बल्लेबाजी करते हुए भारत को उसी अंदाज में मजबूत स्थिति में पहुंचाया जैसे 2003 में इसी एडिलेड के मैदान पर राहुल द्रविड़ ने 3 नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए भारत को यादगार जीत दिलाई दी।

भारत ने ऑस्ट्रेलियाई जमीन पर एक खास रिकॉर्ड भी बना डाला है। विराट की अगुवाई वाली ये टीम पहली ऐसी भारतीय टीम है जिसने ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज का पहला मुकाबला जीतने में सफलता हासिल की है।

भारतीय टीम को इससे पहले आखिरी बार 2008 में अनिल कुंबले की अगुवाई में ऑस्ट्रेलियाई जमीन पर जीत मिली थी। भारत ने पर्थ (वाका) में खेले गए उस मुकाबले में इरफान पठान के ऑलराउंड प्रदर्शन व बल्लेबाजों के एकजुट होकर बल्लेबाजी करने के दम पर वो मैच जीतने में सफलता हासिल की थी।

फोटो- फाइल

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