कुशवाहा का बीजेपी का अल्टीमेटम : सीट बंटवारे को लेकर 30 नवंबर तक फाइनल करें

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नई दिल्ली. रालोसपा ने भाजपा को इस महीने के अंत तक सीटों की संख्या हर हाल में तय करने का अल्टीमेटम दिया है। पार्टी ने साफ कह दिया है कि अगर 30 नवम्बर तक सीट फाइनल नहीं हुआ तो यह माना जाएगा कि भाजपा गठबंधन बनाए रखने को लेकर गंभीर नहीं है। पार्टी ने यह भी दुहराया है कि हर हाल में उसे उसकी बढ़ी हुई ताकत के अनुसार पिछली बार से अधिक सीटें चाहिए।

उपेन्द्र कुशवाहा

शनिवार को पटना में प्रदेश कार्यसमिति की बैठक के बाद पार्टी प्रमुख उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को छोड़कर उनकी ओर से किसी भाजपा नेता से बात करने की पहल नहीं की जाएगी। पीएम से बात करने का वह प्रयास करेंगे और पूरी स्थिति से उन्हें अवगत कराएंगे। भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को बता देना चाहते हैं कि बिहार एनडीए में कुछ ऐसे लोग हैं जो नरेन्द्र मोदी को दोबारा पीएम नहीं बनने देना चाहते हैं। उनपर भरोसा करना नुकसानदेह होगा।

कुशवाहा ने कहा कि कार्यसमिति की बैठक से पहले पार्टी के राष्ट्रीय नेताओं ने आपस में बात की। उन्होंने कहा कि लगातार प्रयास के बावजूद भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से बात नहीं हुई। भूपेन्द्र यादव से हुई बात में जो सीटों की संख्या बताई गई वह पार्टी को स्वीकार नहीं है। सीटों की प्रस्तावित संख्या के बारे में कहा कि जब तक वार्ता किसी नतीजे पर नहीं पहुंच जाती वह बातचीत को सार्वजनिक नहीं कर सकते। बैठक में विधायक सुधांशु शेखर नहीं थे, लेकिन पत्रकारों से बात के दौरान सांसद राम कुमार शर्मा मौजूद रहे।

बैठक में पांच प्रस्ताव पारित किए गए
उन्होंने कहा कि बैठक में पांच प्रस्ताव पारित किए गए। इनमें एक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की उस टिप्पणी की निंदा की गई जिसका प्रयोग उन्होंने पार्टी नेता और पार्टी से सहानुभूति रखने वाले समाज के लिए किया। पार्टी इसका विरोध महात्मा फुले की पुण्यतिथि पर 28 नवम्बर को करेगी। राज्य की विधि व्यवस्था के खिलाफ भी प्रस्ताव पास हुआ। जदयू पर रालोसपा को तोड़ने के प्रयास का आरोप लगाया गया और इसकी निंदा की गई।

सीएम के खिलाफ खूब हुई नारेबाजी
बैठक में जैसे ही उपेन्द्र कुशवाहा पहुंचे कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ नारेबाजी की। कार्यकर्ताओं ने उनके जिन्दाबाद के साथ ही ‘बिहार का सीएम कैसा हो, उपेन्द्र कुशवाहा जैसा हो’ के नारे लगाए। पार्टी प्रमुख नारा लगाने वालों को मना करते रहे लेकिन कार्यकर्ताओं के तेवर देखकर यही लगा कि बैठक में जो भी प्रस्ताव पारित हुए उसका फैसला वह पहले ही कर चुके थे।

मिलने का मौका पहले गवां चुके हैं उपेन्द्र
अमित शाह से मिलने का प्रयास कर रहे रालोसपा प्रमुख पिछले पखवारा यह मौका गवां चुके हैं। तेजस्वी यादव से अरवल में हुई उनकी मुलाकात के बाद शाह ने फोन कर रालोसपा प्रमुख से मिलने की इच्छा जताई थी। लेकिन उस समय उन्होंने कार्यक्रमों में व्यस्त होने का हवाला देकर दिल्ली जाने से इनकार कर दिया। दो दिन बाद जब वह दिल्ली गये तो श्री शाह से उनकी मुलाकात नहीं हो सकी और वह भूपेन्द्र यादव से मिलकर लौट आये। उसके बाद से कुशवाहा लगातार प्रयास कर रहे हैं।

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