लखनऊ।। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) में ऐसी महिलाओं के अच्छे दिन आ गए हैं। जिनके पति राजधानी के विधानसभा मार्ग स्थित NHM मुख्यालय में कंसलटेंट के पद पर तैनात हैं। ऐसी महिलाओं की सैलरी में अचानक बेतहाशा बढोत्तरी हुई है। आनन—फानन में बढाई गई अब उनकी सैलरी पहले से दोगुनी या डेढ गुनी हो चुकी है। जबकि नियमों के मुताबिक संविदा कर्मियों की सैलरी में एक साल की सेवा पूरी होने पर 5 फीसदी ही बढोत्तरी की जा सकती है।
NHM में विभिन्न पदों पर तैनात पत्नियों की सैलरी में एकाएक इजाफा संविदा कर्मियों और अफसरों के बीच गंभीर चर्चा का विषय बना हुआ है। मजे की बात है कि यह सब खेल मिशन निदेशक पंकज कुमार की नाक के नीचे खेला जा रहा है। साफ है कि अफसर पिछली सरकारों में हुए बहुचर्चित एनआरएचएम घोटाले से भी सबक नहीं ले पाए हैं। कहा जा रहा है कि NHM के अफसरों को दाग ही अच्छे लगते हैं। बहरहाल अब यह मामला गरमा रहा है।
आनन-फानन में बढा मानदेय
यह प्रकरण तब खुला। जब NVBDCP कार्यक्रम में कंसलटेंट के पद पर कार्यरत दिव्या शिवाजी की सैलरी अचानक 22 हजार से बढकर 44 हजार हो गई। इसी तरह NLEP कार्यक्रम में बीएफओ कम एडमिन आफिसर के पद पर नियुक्त संविदाकर्मी मीनाक्षी द्विवेदी की सैलरी 33 हजार से बढकर 46 हजार हो गई। आपको जानकर हैरानी होगी कि मीनाक्षी द्विवेदी ने बीते 11 मार्च को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कार्यालय को पत्र लिखकर 10 प्रतिशत लायबिलिटी बोनस और 5 प्रतिशत मानदेय बढाने का अनुरोध किया था। इस पत्र के जवाब में महाप्रबंधक राष्ट्रीय कार्यक्रम डा अश्विनी कुमार ने संयुक्त निदेशक, कुष्ठ को पत्र लिखकर प्रस्ताव मांगा और इसके तुरंत बाद 27 मार्च को उनकी मानदेय में बेतहाशा बढोत्तरी कर दी गई। यह भी कहा गया कि यह बढोत्तरी एक जनवरी 2019 से मान्य होगी। ठीक इसी तरह कंसलटेंट के पद पर तैनात दिव्या शिवाजी का मानदेय बढाने में भी खेल हुआ।
पतियों को उच्चाधिकारियों का संरक्षण
मजे की बात है कि इन दोनों ही संविदाकर्मियों के पति NHM मुख्यालय में कंसलटेंट के पद पर कार्यरत हैं। दिव्याश्री के पति धर्मेन्द्र मानव संसाधन में कंसलटेंट के पद पर तैनात हैं। जबकि मीनाक्षी द्विवेदी के पति अभय द्विवेदी Non communicable disease में कंसलटेंट हैं। इन संविदा कर्मियों के मानदेय बढाने की कार्रवाई ने खूब तेजी पकड़ी। पर इसका असर वर्षों से मानदेय बढने की वेटिंग लिस्ट में शामिल कर्मियों के मामलों पर नहीं पड़ा। आलम यह है कि संविदा चालक भी अपने मानदेय में बढोत्तरी के लिए वर्षों से इंतजार कर रहा है। विभागीय जानकारों का कहना है कि तस्वीर साफ है उन्हीं महिलाओं के मानदेय में इजाफा हुआ है। जिनके पति मुख्यालय में जमे हैं और उन्हें उच्चाधिकारियों का संरक्षण प्राप्त है। मतलब जब सैंया भए कोतवाल तब डर काहे का।
क्या कहते हैं NHM के कायदे-कानून
NHM के कायदों और कानून के मुताबिक वह संविदाकर्मी जिनका एक वर्ष का कार्यकाल वर्ष 2018—19 के बीच में पूरा हो रहा है। उन्हें एक वर्ष का कार्यकाल पूरा होने के बाद भारत सरकार से प्राप्त स्वीकृति के क्रम में 5 फीसदी की प्रथम वार्षिक वेतनवृद्धि दी जाए। यह वेतनवृद्धि उनके सेवा में योगदान के माह की पहली तारीख से उन्हें प्रदान की जाए। वित्तीय वर्ष 2018—19 में संविदा कर्मियों की संतोषजनक परफार्मेंस के आधार पर 5 फीसदी वेतन वृद्धि स्वीकृत करने के लिए समिति की तरफ से मिशन निदेशक को अधिकृत करने का भी प्रावधान है।