खुशखबरी: TET परीक्षा के अभ्यर्थियों के लिए हाई कोर्ट ने दिया ये आदेश

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लखनऊ।। TET वर्ष 2017 को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने परीक्षा कराने वाली एजेंसी को जमकर लताड़ लगाई है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि परीक्षा नियामक प्राधिकरण इलाहाबाद ने 14 प्रश्नों में गड़बड़ी को स्वीकार किया है। जो यह दर्शाता है कि प्राधिकरण ने परीक्षा को लेकर किस कदर काम चलाऊ रवैया अपनाया। वह परीक्षा के प्रति कतई गंभीर नहीं थे।

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कोर्ट ने कहा कि हालाँकि यह कारण TET 2017 को खारिज करने के लिए काफी है, लेकिन लाखों अभ्यर्थी इस परीक्षा में शामिल हो चुके हैं और हजारों उसे पास भी कर चुके हैं। ऐसे में परीक्षा रद्द होने से उनके साथ न्याय नहीं होगा, जिन्होंने ऐसी परिस्थितियों में भी TET परीक्षा पास कर ली।

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याचिकाकर्ता चाहते थे कि TET परीक्षा फिर से करवाई जाये, जिसे भले ही माना नहीं गया, लेकिन उन्हें आंशिक राहत जरूर दे दी गई। इससे पहले कोर्ट में प्राधिकरण के सचिव ने स्वीकार किया था कि प्रश्नपत्र विशेष तौर से भाषा-विषय (मौजूदा मामले में संस्कृत) के प्रश्नपत्र नियमों के तहत नहीं बनाये गये। उन्हें नहीं पता कि भाषा-विषय के प्रश्नपत्र में सब-सेक्शन में कितने प्रश्न होते हैं। चूंकि प्रश्नपत्र तैयार करने की प्रक्रिया में वह शामिल नहीं होते हैं, इसलिये उन्हें इसके लिए जिम्मेदार नहीं माना जा सकता।

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हाईकोर्ट ने ‘नेशनल काउंसिल फॉर टीचर्स ट्रेनिंग’ के नियमों के हवाले से कहा कि TET का आयोजन करवा रहे प्राधिकरण को पूरी परीक्षा का इकलौता जिम्मेदार माना गया है। परीक्षा करवाने, प्रश्न-पत्र बनवाने, उनकी छपाई, परिणाम का पूरा दायित्व उसी का है। ऐसे में प्राधिकरण के सचिव की यह जिम्मेदारी थी कि वे प्रश्न-पत्र में पूछे गये प्रश्नों की पुष्टि करते। उनके जवाब से स्पष्ट है कि वे प्रश्न-पत्र सेट करने वालों के सिर सारा दोष मढ़ना चाह रही हैं, जो वह नहीं कर सकते हैं।

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