नई दिल्ली।। केंद्र की मोदी सरकार किसानों के लिए अक्सर कुछ न कुछ घोषणाएं करती रहती है। भरोसा दिलाया जाता है किसानो की आय को दुगना करने का। वहीँ मध्यप्रदेश में बीजेपी के 13 वर्षों के शासन में अब-तक 15 हजार से अधिक किसानों ने गरीबी और कर्ज से तंग आकर मौत को गले लगा लिया है। राज्य में किसानों की आत्महत्या का आंकड़ा दिन पर दिन बढ़ता ही जा रहा है, लेकिन प्रदेश के मुख्यमंत्री कह रहें है कि, “हम किसानों की मदद करते हैं।”
न्यूज़ 18 के ‘राइजिंग इंडिया समिट’ में बोलते हुये मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह ने अपनी सरकार को किसान हितैषी बताया। मुख्यमंत्री ने कहा कि बंपर उत्पादन मध्य प्रदेश की बड़ी समस्या है। मध्यप्रदेश में फसलों के बंपर उत्पादन के कारण दाम कम हुये हैं।
मुख्यमंत्री कहते हैं, मध्य-प्रदेश ऐसा राज्य है जो भावांतर योजना लेकर आया जिसमें ये तय किया गया कि किसनों को जो भी नुक्सान होगा उसका भुगतान सरकारी खाते से किया जायेगा और किसनों को घाटे की खेती नहीं करने देंगे। उन्होंने कहा कि, किसनों की आय दोगुनी करने के प्रधानमंत्री के सपने को पूरा करने में मध्यप्रदेश काम कर रहा है।
जहां एक तरफ मुख्यमंत्री शिवराज खुद को किसानों का मददगार बता रहे हैं वहीं दूसरी तरफ उनके ही राज्य से रोजाना किसानों के आत्महत्या की खबरें आती है। ऐसे में अब सवाल तो यही उठता है कि प्रदेश सरकार कहीं किसानों को मरने में तो उनकी मदद नहीं कर रही?
मध्यप्रदेश के हर जिले, हर कस्बे में किसान की मौत को कर्ज का नाम देकर फाइल को बंद कर दिया जाता है।