नई दिल्ली ।। पिछली मोदी सर’कार (Modi Government)रोजगार के मोर्चे पर असफलता को लेकर निरंतर विपक्ष के निशाने पर रही है। मोदी सर’कार (Modi Government)के कई संगठनों ने भी ये स्वीकार किया है कि रोजगार में पर्याप्त बढ़ोतरी नहीं हो पाई है।
हालांकि, मोदी सर’कार (Modi Government) इससे मना करती रही है। रोजगार बढ़ाने के लिए पिछले कार्यकाल में मुद्रा लोन योजना जैसी स्कीम पर भरोसा किया गया। अब जब फिर से एक बार मोदी सर’कार (Modi Government)बनी है तो इससे युवाओं को बहुत उम्मीद है। इसलिए अब सबकी नजर इस बात पर है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 5 जुलाई को पेश होने वाले बजट में रोजगार बढ़ाने के लिए क्या ठोस स्कीम पेश करती हैं?
बीते कुछ महीनों से हिंदुस्तान में बेरोजगारी के आंकड़ों को लेकर बहस छिड़ी हुई है। हाल ही में केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) ने बेरोजगारी के आंकड़े जारी किए हैं। इन आंकड़ों में बताया गया कि देश में बेरोजगारी दर 45 साल के उच्चतम स्तर पर है। सीएसओ की रिपोर्ट को सर’कार ने भी स्वीकार किया था, लेकिन बाद में संसद में श्रम मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संतोष गंगवार ने इन आंकड़ों को भ्रामक बताया। हालांकि, गंगवार ने कहा कि रोजगार सृजन सर’कार की प्राथमिकता है।
गंगवार ने बताया कि प्रधानमंत्री की रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) की वजह से 31 मार्च 2019 तक 5,86,728 रोजगार दिए गए और प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) के तहत 31 मार्च तक 18.26 करोड़ लोन बांटे गए हैं। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) के आधिकारिक आंकड़ों में बताया गया कि शहरी क्षेत्र में रोजगार की चाहत रखने वाले 7.8 फीसदी युवा बेरोजगार हैं, जबकि ग्रामीण क्षेत्र में ये आंकड़ा 5।3 फीसदी है।
मोदी सर’कार (Modi Government)के प्रथम कार्यकाल में अगर बेरोजगारी उच्च स्तर पर है, तो इसके कई कारक हैं जिन्हें जाने बिना इस समस्या का समाधान नहीं हो सकता। अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी पड़ गई है। देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर वित्त वर्ष 2018-19 की चौथी तिमाही में 5।8 फीसदी रही जोकि पिछले पांच साल में सबसे कम है। मैन्युफैक्चरिंग सुस्त हो जाने से कारखानों का रोजगार घटा है। उपभोग कम होने से कंपनियों की बिक्री घटी है।
कारों की बिक्री तो आठ साल के निचले स्तर पर पहुंच गई थी। इसकी वजह से कॉरपोरेट जगत भी अभी निवेश में हिचक रहा है। अपने अंतिम दौर में मोदी सर’कार (Modi Government)ने भी खर्चों पर अंकुश रखा। सर’कारी विभागों में भी भर्तियों पर अंकुश लगाई गई। इन सब वजहों से रोजगार का पर्याप्त सृजन नहीं हुआ और बेरोजगारी बढ़ती गई है।
अंतरिम बजट पेश करते हुए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा था कि दुनिया भर में रोजगार की अवधारणा बदल रही है। अब रोजगार सृजन सिर्फ कारखानों या सर’कारी नौकरियों तक सीमित नहीं है। अब नौकरी चाहने वाले नौकरी देने वाला बन रहे हैं। भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा स्टार्ट-अप हब बन गया है। जाहिर है मोदी सर’कार (Modi Government)अब भी ये स्वीकार करने को तैयार नहीं है कि मुद्रा योजना और स्टार्ट-अप इंडिया जैसी योजनाओं से रोजगार सृजन में बहुत ज्यादा बढ़त नहीं हुई है। अगर ऐसा होता तो बेरोजगारी की दर रिकॉर्ड स्तर पर नहीं पहुंचती।