उत्तर प्रदेश ।। गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स काउंसिल 5 प्रतिशत के स्लैब में फेरबदल कर सकती है। इसके साथ ही, वह ऑटो, बिस्किट और रोजमर्रा के इस्तेमाल में काम आने वाली चीजों यानी एफएमसीजी गुड्स की दरों में 20 सितंबर की मीटिंग में कटौती कर सकती है।
सूत्रों ने बताया कि आर्थिक विकास दर तेज करने के लिए GST काउंसिल के द्वारा GST स्ट्रक्चर में ये बदलाव किए जाएंगे। एक सरकारी अधिकारी ने बताया, इन प्रस्तावों को काउंसिल के सामने रखा जाएगा।
राज्य और केंद्र सरकार के अफसरों वाली फिटमेंट कमिटी की पिछले हफ्ते बैठक हुई थी, जिसमें ऑटो सेक्टर के लिए टैक्स की दरों में कटौती के आमदनी पर संभावित असर के बारे में चर्चा हुई। अगले हफ्ते गोवा में GST काउंसिल की बैठक हो रही है, जो इस पर आखिरी फैसला करेगी। ऑटो सेक्टर पैसेंजर वीइकल्स (कारों) पर GST की दरों को अभी के 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत करने की मांग कर रहा है।
GST के अलावा ऑटो सेक्टर को 1 से 22 प्रतिशत का कम्पनसेशन सेस भी देना पड़ता है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने भी हाइब्रिड और अन्य गाड़ियों पर GST घटाने की अपील की है। बिस्किट कंपनियों ने भी टैक्स की दरों को अभी के 18 प्रतिशत से कम करने की मांग की है।
अगस्त में सभी सेगमेंट में गाड़ियों की बिक्री 23.55 प्रतिशत कम हुई थी। इनमें कार और दोपहिया की बिक्री में पिछले महीने भी गिरावट जारी रही। सरकार से कंजम्पशन बढ़ाने के लिए टैक्स की दरों में कटौती की मांग की जा रही है ताकि आर्थिक सुस्ती और न गहराए।
20 सितंबर की GST काउंसिल की बैठक में गाड़ियों पर टैक्स की दरों में कटौती से आमदनी में होने वाली कमी का कुछ बोझ राज्यों से भी उठाने को कहा जा सकता है। इसकी भरपाई के लिए 5 प्रतिशत के स्लैब में फेरबदल या स्लैब रेट में बढ़ोतरी पर भी गौर किए जाने की संभावना है। कुछ राज्य सरकारों ने 12 और 18 प्रतिशत के स्लैब को मिलाने की मांग की है। उनका कहना है कि यह बड़ा रिफॉर्म होगा।