कश्मीर ।। घाटी में सेब की खेती करने वाले किसानों को मोदी सरकार ने बड़ा तोहफा दिया है। ऐसे किसानों के लिए केंद्र की मोदी सरकार ने नई योजना की घोषणा की है। इस योजना के तहत नाफेड सीधे तौर पर कश्मीर के किसानों से सेब खरीदेगा और इसके बाद डीबीटी के तहत रकम सीधे किसानों के खातों में जाएगी। किसानों से सेब की खरीदारी 15 दिसंबर तक पूरी करने का लक्ष्य रखा गया है।
याद हो कि नई योजना की शुरुआत का मकसद किसानों को सेब की बेहतर कीमत दिलवाना है ताकि उनकी आमदनी बढ़ सके। इस योजना से 7 लाख किसानों को फायदा होने की उम्मीद है। आपको बता दें कि देश के 70 फीसदी सेब का उत्पादन कश्मीर में ही होता है। इस योजना का नाम है स्पेशल मार्केट इंटरवेंशन प्राइस स्कीम है, जिसका मुख्य लक्ष्य है कश्मीर में सेब के उत्पादकों को उनकी फसल की क्वालिटी के हिसाब से कीमत मिले।
मोदी सरकार की ओर से इस योजना में सरकारी संस्था नेफेड सूत्रधार है जो कि किसानों को फसल को उगाने के तरीके, फसल खरीदने की जगह और कीमत तय करने में मदद करेगी। जहां तक स्थानीय प्रशासन का सवाल है तो वह मंडियों को मजबूत करने और आधुनिक बनाने पर काम करेगा।
इस स्कीम से भारत सरकार का लक्ष्य है कि इस सीजन में 12 लाख मैट्रिक टन सेब की खरीद की जाए उनके उत्पादकों से, स्कीम को लागू करने में नेफेड की सहायता ली जा रही है, खास बात ये है कि सेब उत्पादकों के बागानों से सेब खरीदने की व्यवस्था की शुरुआत की जा रही है।
अगर सेब की अच्छी तरीके से रखरखाव ना हो तो एक जगह से दूसरी जगह ले जाने में उसके खराब होने का खतरा बराबर बना रहता है इसी खतरे को हटाने के लिए खुद किसानों के दरवाजे पर आएंगे सरकारी खरीददार। केंद्र सरकार व जम्मू-कश्मीर के स्थानीय प्रशासन का दावा है कि इस योजना के लागू होने के बाद वहां के किसानों को दो हजार करोड़ रुपए का अतिरिक्त फायदा होगा।
बीते वर्ष के सेब की फसलों के आंकड़ों के अनुसार, कश्मीर रीजन में 20 लाख मैट्रिक टन सेब का उत्पादन हुआ था। ऐसे में सरकार को उम्मीद है कि अगर इसी पैमाने पर इस साल भी सेब के फसल की खरीद की गई तो इससे इसके उत्पादकों को दो हजार करोड़ का अतिरिक्त फायदा होगा।