प्रेरणा: लोहों से खेलकर जिंदगी से लोहा ले रही लुहार की ये बेटी

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गोण्डा।। गोण्डा-फैजाबाद हाईवे वजीरगंज के पास यदि कोई लड़की स्कूल ड्रेस में लुहारी का काम करती मिल जाये तो चौंकियेगा नहीं। यह कोई और नहीं बल्कि 14 वर्षीय सोनी विश्वकर्मा है जो अपने माता-पिता के गुजरने के बाद भाई-बहनों को पालने के साथ पुरे परिवार अपने बलबूते चला रही है। लोहों से खेलकर जिंदगी से लोहा लेती ये बेटी उनके लिये नजीर है जो बिना मेहनत के ही सब कुछ पाना चाहते हैं।

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पड़ा वक्त तो उठाया ये कदम

वजीरगंज के बड़ा दरवाजा गांव के बृजेश विश्वकर्मा (स्वर्गीय) परम्परागत ढंग से लोहारी का काम करते थे। वर्ष 2014 में बीमारी के चलते बृजेश विश्वकर्मा की मृत्यु हो गई। पत्नी पहले ही गुजर चुकीं थीं। पिता की मृत्यु के बाद परिवार के सामने रोजी-रोटी का संकट हुआ तो ऐसे में उस वक्त 10 साल की बेटी सोनी विश्वकर्मा ने धीरे-धीरे अपने स्वर्गीय पिता की दुकान संभाल ली।

लुहारी का काम करती सोनी विश्वकर्मा

अब वह कड़ी मेहनत-मशक्क्त के साथ इसी दुकान के सहारे अपने छोटे भाई-बहनों को लिखा-पढ़ा रही है और खुद भी स्कूल जाती है। कक्षा 7 में पढ़ने वाली सोनी विश्वकर्मा स्कूल से आने के बाद पिता की दुकान संभालती है और इससे उसकी जो आमदनी होती है उससे घर का खर्चा और भाई-बहनों की पढ़ाई-लिखाई चलती है। माता-पिता के गुजर जाने के बाद अपने परिवार का पालन पोषण कर रही सोनी के दादा-दादी कहते हैं कि सोनी उनके लिये बेटी नहीं बेटा है।

जज्बे पर स्कूल को गर्व

सोनी की कड़ी मेहनत और जज्बे पर स्कूल को गर्व है। वह भट्ठी पर कुदाल, हंसिया तो बनाती ही है, इसके साथ ही पढ़ने में भी ठीक है। हम चाहते हैं वह पढ़कर ऊंचा मुकाम हासिल करे। -रमेश मौर्य, प्रधानाचार्य,सीपीएम पब्लिक स्कूल

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