2 पार्टियों के सांसदों में मारपीट, कर दी सारी हदें पार

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नई दिल्ली ।। श्रीलंका में सत्ता की लड़ाई सड़क से संसद तक पहुंच गई है। राष्ट्रपति की तरफ से नियुक्त प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे और बर्खास्त प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के समर्थक सांसद गुरुवार को संसद में भिड़ गए। इस दौरान सांसदों में जमकर लात-घूंसे भी चले।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, महिंदा राजपक्षे ने सदन के स्पीकर कारु जयसूर्या पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए कहा कि उनके पास ध्वनि मत से अविश्वास प्रस्ताव पास करने का अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि स्पीकर के पास प्रधानमंत्री और कैबिनेट मंत्रियों को नियुक्त करने या हटाने का भी अधिकार नहीं है।

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राजपक्षे के इस बयान पर दोनों गुटों के सांसद भिड़ गए। यहीं नहीं राजपेक्ष के समर्थक सांसद स्पीकर पर पानी की बोतलें, किताबें और खाली कैन फेंकने लगे। जोरदार हंगामे की वजह से स्पीकर जयसूर्या ने संसद को स्थगित कर दी। दरअसल, श्रीलंका की संसद ने बुधवार को नए प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के खिलाफ एक अविश्वास प्रस्ताव पारित किया था। संसद ने यह प्रस्ताव सर्वोच्च न्यायालय द्वारा राष्ट्रपति के संसद भंग करने के निर्णय पर रोक लगाने के एक दिन बाद पारित किया।

राजपक्षे और उनकी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव जनता विमुक्ति पेरमुना (जेवीपी) के सांसद अनुरा कुमारा दिसानायका ने प्रस्तुत किया और इसका जेवीपी सांसद विजेता हेराथ ने समर्थन किया।

विक्रमसिंघे की यूनाइटेड नेशनल पार्टी (यूएनपी), जेवीपी, मुख्य विपक्ष तमिल नेशनल अलायंस, तमिल प्रोग्रेसिव अलायंस, श्रीलंका मुस्लिम कांग्रेस और ऑल केलोन मक्कल कांग्रेस ने अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया। स्पीकर कारू जयसूर्या ने कहा कि 225 सदस्यीय सदन ने बहुमत से राजपक्षे के खिलाफ प्रस्ताव का समर्थन किया। राजपक्षे को रानिल विक्रमसिंघे की जगह अक्टूबर में प्रधानमंत्री बनाया गया था।

फोटो- फाइल

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