लखनऊ. 2019 के लोकसभा चुनावों को देखते हुए समाजवादी पार्टी ने तैयारियां शुरू कर दी है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के कन्नौज और सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के मैनपुरी से लोकसभा चुनाव लड़ने के ऐलान किया है। जिसके बाद से मुलायम सिंह यादव की आजमगढ़ सीट पर सभी की निगांहे टिकीं है। वहीं बसपा सुप्रीमो मायावती इस सीट पर अपना दावा ठोंकना चाहती हैं।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव संगठन के पदाधिकारियों के साथ मिलकर चुनावी रणनीति पर काम कर रहे हैं। इसके तहत गुरुवार को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने लखनऊ में पार्टी कार्यालय पर सपा कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की।
इसके बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मीडिया से बात करते हुए कन्नौज से लोकसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया। इसके अलावा मैनपुरी सीट से मुलायम के लड़ने का ऐलान किया। इसके बाद अब आजमगढ़ सीट को लेकर चर्चाएँ शुरू हो गयी हैं।
सपा कार्यालय पर आयोजित प्रेस वार्ता में अखिलेश यादव के साथ उनकी पत्नी और कन्नौज सांसद डिंपल यादव पहुंची हुई थी। इस दौरान अखिलेश यादव ने कहा कि मैं कन्नौज से 2019 का लोकसभा चुनाव लडूंगा। नेताजी मैनपुरी से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे और डिंपल इस बार चुनाव मैंदान में नहीं उतरेंगी।
हालांकि डिंपल यादव के चुनाव न लड़ने का इशारा अखिलेश यादव ने पहले ही कर दिया था जब उनसे सपा में परिवारवाद को लेकर सवाल पूछा गया था। प्रेस वार्ता में अखिलेश यादव ने इस पर आधिकारिक मोहर लगा दी है। बसपा से गठबंधन पर उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के लिए तैयार हैं, गठबंधन का स्वरूप कैसा होगा इसे बाद में तय करेंगे।
सपा मुखिया और पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने कहा है कि वे गठबंधन के लिए कोई भी कीमत चुकाने के लिए तैयार हैं। लेकिन मायावती किसी हालत में कोई समझौता करने के लिए तैयार नहीं हैं।
यही कारण है कि गठबंधन में सीट बंटवारे के पहले ही एक के बाद एक सीट पर अपने प्रत्याशी उतारती जा रही है। सूत्रों से खबर है कि मायावती चाहती हैं कि मुलायम की आजमगढ़ संसदीय सीट उनके खाते में जाये।
बसपा का मानना है कि इस सीट पर पार्टी का प्रदर्शन सपा से हमेशा बेहतर रहा है। वहीं यह सीट अखिलेश के लिए काफी मायने रखती है। अब देखना है कि गठबंधन में इस सीट को लेकर क्या फैसला होता है।