मुस्लिम पक्ष ने पीडब्ल्यूडी की रिपोर्ट का हवाला देकर कहा, वहां बाबरी मस्जिद थी

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उत्तर प्रदेश ।। सुप्रीम़ कोर्ट़ में अयोध्या जमीन विवाद मामले की सुनवाई में शुक्रवार को मुस्लिम पक्ष अपना पक्ष रखते हुए मस्जिद होने का दावा करते हुए कुछ दस्तावेज पेश किए। मुस्लिम पक्ष के वकील जफरयाब जिलानी ने पीडब्ल्यूडी की रिपोर्ट पेश करते हुए कहा कि 1934 के सांप्रदायिक दंगों में मस्जिद क्षतिग्रस्त हुई थी।

मुस्लिम पक्ष के वकील जफरयाब जिलानी ने कोर्ट में यह दावा किया कि विवादित स्थल पर बाबरी मस्जिद थी। इसके लिए कोर्ट के सामने कुछ दस्तावेजों को संदर्भ के तौर पर भी पेश किया। जिलानी ने पीडब्ल्यूडी की उस रिपोर्ट का हवाला दिया जिसमें कहा गया है कि 1934 के सांप्रदायिक दंगों में मस्जिद के एक हिस्से को कथित रूप से क्षतिग्रस्त किया गया था और पीडब्ल्यूडी के उसका मरम्मत कराया था।

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मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने सुनवाई में यूपी के मंत्री के बयान का जिक्र किया था। धवन ने, कल मेरे सहयोगी को सुप्रीम़ कोर्ट़ में अपशब्द कहे गए और परेशान किया गया क्योंकि मैं मुस्लिम पक्ष की तरफदारी कर रहा हूं। यह सब कुछ बहुत खराब माहौल तैयार कर रहा है। बात दे कि यूपी के एक मंत्री ने कहा था कि जगह हमारी है, मंदिर हमारा है और सुप्रीम़ कोर्ट़ भी हमारा है। मैं कितनी और अवमानना याचिका दाखिल करूं?’

चीफ जस्टिस ने धवन की शिकायत पर कहा कि किसी भी पक्ष को दबाव में आने की जरूरत नहीं है। चीफ जस्टिस ने कहा, सभी पक्ष निर्भीक होकर अपनी दलील पेश करें। सुप्रीम़ कोर्ट़ ने मुस्लिम पक्ष के वकील से सुरक्षा के लिए भी पूछा, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया। धवन ने अपने स्टाफ के साथ बदसलूकी और फेसबुक पर धमकी मिलने का भी जिक्र किया।

सुप्रीम़ कोर्ट़ में अयोध्या राम जन्मभूमि विवाद पर रोजाना सुनवाई चल रही है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अगुवाई में पांच जजों की संवैधानिक पीठ सप्ताह के पांच दिन तब तक सुनवाई करती रहेगी जबतक कोई निष्कर्ष नहीं निकल जाएगा। हिंदू पक्ष की ओर से रखी दलीलों में विभिन्न पौराणिक शास्त्रों का भी जिक्र किया गया। हिंदू पक्ष के वकीलों ने दावा किया कि जनमानस ही नहीं पौराणिक आख्यान भी विवादित स्थल को रामलला का जन्मस्थान बताते हैं।

फोटो- फाइल

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